• X

    भैया दूज पर ये पकवान खिलाकर भाई को करें प्रसन्न

    भैया दूज कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि को मनाए जाने वाला हिन्दू पर्व है इसे यम द्वितीया कहा जाता है. भाई दूज को भाऊ बीज और भातृ द्वितीया के नाम से भी जाना जाता है. भाई-बहन के प्रेम, स्नेह का प्रतीक भैया दूज भारत में रक्षा बंधन के अलावा यह दूसरा पर्व है जो भाई-बहन के स्नेह-प्रतीक है. इस पर्व में बहनें अपने भाइयों की दीर्घ आयु की कामना करती हैं. कार्तिक मास की द्वितीय तिथि में मनाये जाने वाला यह पर्व इस साल 16 नवंबर को मनाया जाएगा.

    विधि

    भैया दूज कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि को मनाए जाने वाला हिन्दू पर्व है इसे यम द्वितीया कहा जाता है. भाई दूज को भाऊ बीज और भातृ द्वितीया के नाम से भी जाना जाता है. भाई-बहन के प्रेम, स्नेह का प्रतीक भैया दूज भारत में रक्षा बंधन के अलावा यह दूसरा पर्व है जो भाई-बहन के स्नेह-प्रतीक है. इस पर्व में बहनें अपने भाइयों की दीर्घ आयु की कामना करती हैं. कार्तिक मास की द्वितीय तिथि में मनाये जाने वाला यह पर्व इस साल 16 नवंबर को मनाया जाएगा.
    ऐसे करें भाई की पूजा
    इस दिन बहनें रोली एवं अक्षत से अपने भाई का तिलक कर उसके उज्ज्वल भविष्य के लिए आशीष देती हैं. साथ ही भाई अपनी बहन को कुछ उपहार देता है. भैया दूज का उत्सव पूरे देश में धूमधाम से मनाया जाता है. लेकिन इस पर्व को मनाने की विधि हर जगह एक जैसी नहीं है. उत्तर भारत में जहां यह चलन है कि इस दिन बहनें भाई को अक्षत व तिलक लगाकर नारियल देती हैं वहीं पूर्वी भारत में बहनें शंखनाद के बाद भाई को तिलक लगाती हैं और भेंट स्वरूप कुछ उपहार देती हैं.
    क्या-क्या पकवान बनते हैं
    इस दिन बहनें भाई के मनपसंद पकवान बनाकर खिलाती हैं. थाली में खीर, पूरी, नारियल के गोले की बर्फी और इससे बनने वाली मिठाइयों के साथ पंजीरी, सब्जी आदि खास होते हैं.

    ऐसे करें भाई की पूजा
    इस पूजा में भाई की हथेली पर चावल का घोल लगाएं फिर उसके ऊपर सिन्दूर लगाकर कद्दू के फूल, पान, सुपाड़ी, मुद्रा आदि रखकर धीरे-धीरे पानी हाथों पर छोड़ते हुए, 'गंगा पूजे यमुना को यमी पूजे यमराज को, सुभद्रा पूजा कृष्ण को, गंगा यमुना नीर बहे मेरे भाई की आयु बढ़े', का पाठ करती हैं. मान्यता है कि इस दिन अगर बड़े से बड़ा पशु काट भी ले तो यमराज के दूत भाई के प्राण नहीं ले जा सकते हैं. इस दिन शाम के समय बहनें यमराज के नाम से चौमुख दीया जलाकर घर के बाहर रखती हैं. इस समय ऊपर आसमान में चील उड़ता दिखाई दे तो बहुत ही शुभ माना जाता है. माना जाता है कि बहनें भाई की आयु के लिए जो विनती कर रही हैं उसे यमराज ने स्वीकर कर लिया है या चील जाकर यमराज को बहनों का संदेश सुनाएगा.

    ये है पौराणिक मान्यता
    संभव हो तो भैया दूज के दिन भाई बहन को अवश्य ही साथ यमुना स्नान करना चाहिए. इसके बाद भाई को बहन के यहां तिलक करवा कर ही भोजन करना चाहिए. यदि किसी कारणवश भाई बहन के यहां न जा सके, तो बहन स्वयं चलकर भाई के यहां पहुंचे. बहन पकवान-मिष्ठान का भोजन भाई को तिलक करने के बाद कराए. बहन को चाहिए कि वह भाई को तिलक लगाने के बाद ही भोजन करे. यदि बहन सच्चे मन और पूरी श्रद्धा के साथ भाई के लिए प्रार्थना करे तो वह जरूर फलीभूत होती है. ये है कथा
    भगवान सूर्यदेव की पत्नी का नाम छाया है. उनकी कोख से यमराज तथा यमुना का जन्म हुआ. यमुना अपने भाई यमराज से बड़ा स्नेह करती हैं. वह उनसे बराबर निवेदन करतीं कि वह उनके घर आकर भोजन करें, लेकिन यमराज अपने काम में व्यस्त रहने के कारण यमुना की बात टाल जाते थे. कार्तिक शुक्ल द्वितीया को यमुना ने अपने भाई यमराज को भोजन करने के लिए बुलाया. बहन के घर जाते समय यमराज ने नरक में निवास करने वाले जीवों को मुक्त कर दिया.
    भाई को देखते ही यमुना ने हर्ष विभोर होकर भाई का स्वागत सत्कार किया तथा भोजन करवाया. इससे प्रसन्न होकर यमराज ने बहन से वर मांगने को कहा. बहन ने भाई से कहा कि आप प्रतिवर्ष इस दिन मेरे यहां भोजन करने आया करेंगे तथा इस दिन जो बहन अपने भाई को टीका करके भोजन खिलाये, उसे आपका भय न रहे. यमराज तथास्तु कहकर यमुना को अमूल्य वस्त्राभूषण देकर यमपुरी चले गए. ऐसी मान्यता है कि जो भाई आज के दिन यमुना में स्नान करके पूरी श्रद्धा से बहनों के आतिथ्य को स्वीकार करते हैं, उन्हें यम का भय नहीं रहता.

    रक्षाबंधन से अलग है भाई दूज

    रक्षाबंधन में जहां भाई राखी बंधवाकर बहन की रक्षा करने का वाचन देता वहीं भाई दूज पर बहन भाई को टीका लगाकर और कलावा बांधकर भाई के लंबी आयु की कामना करती हैं.

    क्‍या ये रेसिपी आपको पसंद आई?
    2


    अपने दोस्‍त के साथ साझा करें
    टैग्स
Good 2
Poor 0

Advertisment

ज़ायके का सबसे बड़ा अड्डा

पकवान गली में आपका स्‍वागत है!

आप हर वक्‍त खाने-खिलाने का ढूंढते हैं बहाना तो ये है आपका परमानेंट ठिकाना. कुछ खाना है, कुछ बनाना है और सबको दिखाना भी है, लेकिन अभी तक आपके हुनर और शौक को नहीं मिल पाया है कोई मुफीद पता तो आपकी मंजिल का नाम है पकवान गली.


ज़ायका ही आपकी जिंदगी है तो हमसे साझा करें अपनी रेसिपी, कुकिंग टिप्‍स, किसी रेस्‍टोरेंट या रोड साइड ढाबे का रिव्‍यू.

रेसिपी फाइंडर

या
कुछ मीठा हो जाए