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    वर्ल्ड फूड डे 2020: जानिए क्यों मनाया जाता है ये दिन

    16 अक्टूबर 1945 को यूनाइटेड नेशन ने फूड एंड एग्रीकल्चर ऑर्गेनाइजेशन की स्थापना की थी जिसे ‘‘वर्ल्ड फूड डे’’ के रूप में मनाया जाता है. वर्ल्ड फूड डे दुनिया के 150 से भी अधिक देशों में मनाया जाता है और उन देशों की सरकारें भूख और गरीबी से जुड़े अलग-अलग मुद्दों को उठाती हैं.

    विधि

    16 अक्टूबर 1945 को यूनाइटेड नेशन ने फूड एंड एग्रीकल्चर ऑर्गेनाइजेशन की स्थापना की थी जिसे ‘‘वर्ल्ड फूड डे’’ के रूप में मनाया जाता है. वर्ल्ड फूड डे दुनिया के 150 से भी अधिक देशों में मनाया जाता है और उन देशों की सरकारें भूख और गरीबी से जुड़े अलग-अलग मुद्दों को उठाती हैं. इसे खत्म करने के लिए कई कारगर कदम भी उठाए जाते हैं.

    यह दिवस हर साल एक नई थीम पर मानया जाता है जैसे 1981 में ‘फूड कम्स फर्स्ट’, 1983 में ‘फूड सिक्योरिटी’, 1984 में ‘वूमेन इन एग्रीकल्चर’ और 2016 में ‘क्लाइमेट इज चेंजींग फूड एंड एग्रीकल्चर मस्ट टू’ थीम रहा.

    इस दिन को भूख के खिलाफ लड़ाई के दिन के रूप में मनाया जाता है. उत्तरी अमेरिका में आज के दिन भूख के खिलाफ कार्रवाई के लिए कई इवेंट्स किए जाते हैं, जागरूकता फैलाई जाती है. भूख मिटाने के समाधान को खोजने के लिए कई तरह की योजनाएं बनाई जाती हैं जैसे हंगर वॉक्स, वर्ल्ड फूड डे डिनर्स, मील पैकेजिंग और फूड ड्राइव्स भी सेलिब्रेट किए जाते हैं. 

    वर्ल्ड फूड डे को मनाने का खास मकसद यही है कि जो लोग भूखे हैं, कुपोषित हैं उन्हें भोजन मिले. यह मानव का अधिकार है. आज पूरी दुनिया में करीब 805 मिलियन लोग भूख से पीड़ित हैं, जिसमें से 60 प्रतिशत महिलाएं और पांच साल से छोटे बच्चे हैं. तकरीबन 5 मिलियन बच्चे रोजाना सिर्फ कुपोषण की वजह से मरते हैं.

    ये है 16 अक्टूबर 2017 की थीम:

    इस बार की थीम है “Grow, nourish, sustain. Together. Our actions are our future.”. यह सिलसिला दो या तीन साल पुराना नहीं है बल्कि 1981 से इस दिन को इस तरह से मनाया जा रहा है ताकि कई क्षेत्रों पर प्रकाश डाला जा सके, साथ ही जरूरतमंदों तक कैसे दो वक्त की रोटी मुहैया कराई, इस पर भी विचार किया जा रहा है.

     

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