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    नागपंचमी पर क्या-क्या बनता है, किन चीजों की होती है मनाही

    आज यानी 5 अगस्त को नागपंचमी का दिन है. इस दिन भगवान शिव के आभूषण नागों को दूध से स्नान करवाकर उनकी पूजा की जाती है.

    आज यानी 5 अगस्त को नागपंचमी का दिन है. इस दिन भगवान शिव के आभूषण नागों को दूध से स्नान करवाकर उनकी पूजा की जाती है. पहले भगवान शिव का अभिषेक कर उन्हें बेलपत्र और जल अर्पित किया जाता है, फिर नागों को हल्दी, रोली, चावल और फूल अर्पित कर चने, खील बताशे और कच्चा दूध चढ़ाया जाता है. ऐसा करने से सांप का भय नहीं रहता.

    हालांकि भोजन में सभी के नियम अलग होते हैं. राजस्थान में जहां पारंपरिक पकवान में दाल बाटी बनती है वहीं उत्तरप्रदेश, बिहार में मालपुआ का चलन है. जबकि मध्यप्रदेश और में खीर पूड़ी बनती है. वहीं कई जगह चावल नहीं बनाने की मान्यता होती है. कई परिवार इस दिन चूल्हा नहीं जलाते, वे बासी भोजन खाते हैं. इसके लिए एक दिन पहले भी शाम को भोजन और भोग बना लिया जाता है.

    आमतौर पर नाग देव के दर्शन नहीं होते हैं तो इस दिन लोग घरों के दरवाजों के दोनों तरफ की दीवार पर नाग चित्र बनाकर पूजा करते हैं. गांवों में अब भी घर की दीवार पर गेरू से लीपा जाता है. कई लोग दरवाजों की दीवार के साथ ही रसोई घर के दरवाजे के आसपास वाली दीवार भी नाग देव के भित्ती चित्र बनाते हैं. इसमें गोबर, काजल से चौकोर डिब्बा बनाते हैं. इस डिब्बे के अंदर छोटी-छोटी नाग की आकृति बनाई जाती है. इन्हीं आकृतियों पर कुमकुम, हल्दी चावल, फूल और फिर दूध चढ़ाकर पूजा की जाती है.

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