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    वो तरीका जिसमें चंद्रग्रहण के बावजूद भी नहीं दूषित होता भोजन

    आज यानी 5 जून को चंद्रग्रहण है. यह ग्रहण रात में 11 बजकर 11 मिनट से शुरू होकर रात में 2 बजकर 34 मिनट तक रहेगा.  ज्योतिषों की मानें तो इस दौरान खाना बनाना और भोजन करने से परहेज रखना चाहिए. आइए हम आपको बताते हैं कि ऐसा क्यों है और इससे बचने के लिए कौन से उपाय किए जाने चाहिए.

    विधि

    आज यानी 5 जून को चंद्रग्रहण है. यह ग्रहण रात में 11 बजकर 11 मिनट से शुरू होकर रात में 2 बजकर 34 मिनट तक रहेगा. 

    ज्योतिषों की मानें तो इस दौरान खाना बनाना और भोजन करने से परहेज रखना चाहिए. आइए हम आपको बताते हैं कि ऐसा क्यों है और इससे बचने के लिए कौन से उपाय किए जाने चाहिए.

    ऐसी मान्यता है कि ग्रहण के समय भोजन नहीं करना चाहिए. ग्रहणकाल में बने भोजन और जल में विशेष तरह की नकारात्मक ऊर्जा आ जाती है जिससे भोजन करने से आप बीमारियों के शिकार हो सकते हैं. यही कारण है कि ग्रहणकाल में भोजन करना निषेध माना गया है. ग्रहणकाल में घर में रखा हुआ खाना या पेय पदार्थ पुनः उपयोग करने लायक नहीं होता है.

    ग्रहण या सूतक से पहले ही यदि खाने-पीने की चीजों में  जैसे दूध, दही, चटनी, आचार आदि में कुश या तुलसी के पत्ते रख दिया जाए तो यह दूषित होने से बच जाता है. आप पुनः इसे उपयोग में ला सकते हैं. इनके अलावा घर में गोबर की लिपाई करने से और गोबर का प्रयोग करने से ग्रहण के नकारात्मक तरंगों से बचा जा सकता है. बीमारों, वृद्धों और बच्चों पर ग्रहण के नियम लागू नहीं होते हैं.
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