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    चंद्र ग्रहण कब है, क्या करना चाहिए और क्या नहीं?

    आज 5 जून की रात को उपछाया चंद्र ग्रहण लगेगा. यह ग्रहण रात में 11 बजकर 11 मिनट से शुरू होकर रात में 2 बजकर 34 मिनट तक रहेगा. इस बार ये चंद्र ग्रहण ज्येष्ठ पूर्णिमा के दिन लग रहा है.

    विधि

    आज 5 जून की रात को उपछाया चंद्र ग्रहण लगेगा. यह ग्रहण रात में 11 बजकर 11 मिनट से शुरू होकर रात में 2 बजकर 34 मिनट तक रहेगा. इस बार ये चंद्र ग्रहण ज्येष्ठ पूर्णिमा के दिन लग रहा है.

    आमतौर पर ग्रहण में कई चीजें हैं जिन्हें करने और न करने से लाभ-हानि होती है. साथ ही गर्भवती महिलाओं के लिए भी कुछ नियम हैं जिन्हें उन्हें नहीं करना चाहिए.

    ग्रहण काल में दान, पुण्य, स्नान का विशेष महत्व होता है. ग्रहण काल में मानसिक जाप, तप, मंत्र, देवी-देवताओं की आराधना व स्तुति करना श्रेष्ठ माना जाता है. जबकि सूतक काल में कई सारी चीजों की मनाही होती है.

    क्या होता है सूतक काल?
    चूंकि ये उपछाया ग्रहण है, इसके सूतक नहीं लगेंगे, पर आमतौर पर ग्रहण लगने से 3 पहर यानी 9 घंटे पहले सूतक लग जाता है. इस दौरान कोई भी शुभ कार्य नहीं किया जाता है. सूतक काल में भोजन पकाना और खाना खाने की मनाही होती है. हालांकि गर्भवती महिलाएं, बच्चे, बुजुर्ग, और बीमार व्यक्तियों पर यह नियम लागू नहीं होता. वे दूध, फल, जूस या सात्विक भोजन खा सकते हैं. भोजन को शुद्ध करने के लिए तुलसी के पत्ते डाल लेना अच्छा माना जाता है.

    सूतक काल में गर्भवती महिलाओं को खास ध्यान रखना चाहिए. उन्हें ग्रहण की पूरी अवधि में घर के अंदर ही रहना चाहिए ताकि उन पर ग्रहण की छाया न पड़े. सूतक काल में चाकू और कैंची इस्तेमाल नहीं करना चाहिए. इस दौरान सिलाई कढ़ाई न करने में ही भलाई है. ग्रहण के समय तेल लगाना, भोजन करना, जल पीना, सोना, बाल संवारना, संभोग करना, मंजन करना, वस्त्र नीचोड़ना, ताला खोलना आदि वर्जित मानी जाती हैं.

    क्या-क्या नहीं करना चाहिए?
    - ऐसा माना जाता है कि ग्रहण के दौरान सोने से व्यक्ति रोगी हो जाता है. मल त्यागने से पेट में कृमि रोग, मालिश या उबटन लगाने से कुष्ठ रोग और स्त्री प्रसंग से अगले जन्म में सूअर की योनि मिलती है.

    - ज्‍योतिषियों के मुताबिक ग्रहण काल में कीटाणु बहुत ही तेजी से फैलते हैं. ऐसे में उस दौरान किया गया भोजन विष बन जाता है. इससे इस जन्‍म में तो शरीर को कई तरह की बीमारियों का सामना करना ही पड़ता है. साथ ही अगले जन्‍म में भी उसे कई तरह की पीड़ा का भोग करना पड़ता है.

    - सूर्य ग्रहण या चन्द्र ग्रहण के समय भोजन करने वाला मनुष्य जितने अन्न के दाने खाता है, उतने वर्षों तक नरक में वास करता है, ऐसा माना जाता है. वहीं बच्चों और बुजुर्गों पर ये नियम लागू नहीं होते हैं.

    - स्कंद पुराण के अनुसार, ग्रहण के अवसर पर दूसरे का अन्न खाने से 12 वर्षों का एकत्र किया हुआ सब पुण्य नष्ट हो जाता है.

    - ग्रहण के दौरान मांस-मछली खाने से नुकसान हो सकता है.

    - वहीं इस दौरान शराब का सेवन नहीं करना चाहिए. क्योंकि इसका नशा हमारे शरीर पर नकारात्मक प्रभाव डालता है.

    ग्रहण काल में क्या-क्या करना चाहिए
    वैसे तो इस ग्रहण काल का कुछ असर नहीं होगा. यह रात में है. इसलिए अगर जातक जगे हैं तो उन्हें कुछ कार्य करने चाहिए. जैसे-

    - ऐसा माना जाता है कि चंद्र ग्रहण के 9 घंटे पहले भी बना खाना नहीं खाया जाना चाहिए.

    - इस दौरान नारियल पानी पिया जा सकता है, क्योंकि इसमें मौजूद पोषक तत्व किरणों के हानिकारक प्रभाव से बचाते हैं. - ग्रहण के दौरान नाशपाती खाना बेहतर माना जाता है. क्योंकि यह एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर होता है.

    - ग्रहण के दौरान निकलने वाली किरणों के दुष्प्रभाव को से भोजन खराब हो सकता है. इसलिए लोग सात्विक भोजन (कच्चा भोजन) करते हैं. इसमें कच्चा खाना, फल और सब्जियां शामिल हैं.

    - ग्रहण के दौरान दुष्प्रभाव से बचने के लिए अदरक वाली चाय पी जा सकती है. क्योंकि यह एनर्जी दे सकती है और अदरक इम्यून सिस्टम को मजबूत करता है. चाय में तुलसी की पत्तियां मिलाने से यह पूरी तरह से शुद्ध हो जाती है. - ग्रहण लगने से पहले स्नान करके भगवान का पूजन, यज्ञ और जप करना अच्छा माना जाता है.

    - चंद्रग्रहण में किया गया जप, ध्यान, दान एक लाख गुना और सूर्य ग्रहण में दस लाख गुना फलदायी माना जाता है.

    - ग्रहण के बाद पुराना पानी और बासी भोजन नष्ट कर देना चाहिए. नया भोजन बनाना चाहिए और ताजा पानी का इस्तेमाल करना चाहिए.

    - चंद्र ग्रहण पूरा होने पर उसका शुद्ध बिम्ब देखकर ही भोजन करना चाहिए. ग्रहण काल में स्पर्श किए हुए वस्त्र आदि की शुद्धि के लिए उसे बाद में धो देना. अगर नहाना उचित न हो तो गंगा जल छिड़क लेना चाहिएय.

    - ग्रहण के समय दान-पुण्य से भी ज्यादा महत्वपूर्ण और फलदायी गायों को घास, पक्षियों को अन्न, जरूरत मंदों को वस्त्र दान देना माना जाता है.

    चंद्र ग्रहण के दौरान गर्भवती महिलाओं को क्या करना चाहिए और क्या नहीं ?
    - गर्भवती महिलाओं को सूर्य या चन्द्र ग्रहण नहीं देखना चाहिए क्योंकि उसके दुष्प्रभाव से शिशु प्रभावित हो सकता है.

    - ग्रहण के दौरान घर के अंदर ही रहना चाहिए.

    - गर्भवती महिलाओं को कैंची, चाकू आदि से कोई भी चीज काटने से परहेज करना चाहिए. सूई-धागा का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए.

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