• X

    लजीज जायकों का शहर है रामपुर

    विधि

    रामपुर का नाम पहले मुस्तफाबाद था. मुस्तफाबाद को रोहिला रियासत के नवाब ने चार गांवों को मिलाकर बनाया था. बाद में इसका नाम बदलकर रामपुर कर दिया गया. हालांकि रामपुर नाम क्यों रखा गया इसका कहीं उल्लेख नहीं मिलता. जिस तरह रामपुर की छूरी फेमस है वैसे ही रामपुर घराना भी अपनी तहजीब, संस्कृति और खाने के लिए जाना जाता है. रामपुर घराने का खाना मुगलई, कश्मीरी, अफगानी, अवधी और लखनऊ के खाने से मिलता-जुलता है. यहां के खाने में एक अलग ही जादू है. आलू का जर्दा, गोश्त का हलवा ये दो काफी फेमस मीठे पकवान हैं. जैसे नाम हैं इनके टेस्ट बिल्कुल अलग हैं. आलू का जर्दा का स्वाद जहां कद्दू की तरह लगता है वहीं गोश्त के हलवा रबड़ी और खुरचन की तरह होता है.

    गोश्त का हलवा मीट को दूध में उबालकर पकाया जाता है. जब दूध पूरी तरह से सूख जाए तब इसमें ईलायची, सूखे मेवे, गुलाब जल और दूध डालते हुए बनाया जाता है. रामपुर ही वो जगह है जहां सबसे पहले चांदी का वरक इस्तेमाल मिठाइयों को सजाने के लिए किया गया था. रामपुर घराने का खाना एक अलग स्वाद लिए हुए होता है. खासतौर खड़े मसाले यहां के जायकों में इजाफा होता है. इनमें भी काली और सफेद मिर्च,  लौंग, दालचीली, जायफल, छोटी-बड़ी इलायची, तेजपत्ता, जीरा, साबुत धनिया, पीली मिर्च खास हैं. पीली मिर्च रामपुर में ही उगती है और पूरे भारत में एक्सपोर्ट होती है.

    रामपुर घराने के खाने की खासियत यही थी कि जब तक बताया न जाए क्या बना है, आप पहचान नहीं पाएंगे कि आप क्या खा रहे हैं. रामपुर घराने के रसोइयों में केले के पत्ते, कमल के बीज, चंदन और खस की जड़ों का इस्तेमाल सदियों से होता आया है. यही वजह है कि यहां का खाना दूसरी जगहों से बिलकुल अलग और ज्यादा लजीज होता है.

    अगर रामपुर के खाने के जायकों की बात करें तो अरबी का सालान, गोभी गोश्त, उड़द गोश्त, रामपुरी खिचड़ी और चना दाल भरता पारंपरिक पकवानों में से हैं. वहीं अगर बात दूसरी चीजों जैसे सूप में रामपुरी मुर्गा शोरबा, पराठा कबाब,  मुर्ग सौंदा टिक्का, कच्चे गोश्त की टिक्की, तार कोरमा, रान के कबाब, माही कोफ्ता, मुर्ग बलूची, रामपुरी मुर्ग मुसल्लम, तार गोश्त, बटर कोरमा, दम की मच्छी, यखनी पुलाव, रामपुरी बिरयानी, नान-ए-मिस्सी, कुर्मा नान, बकरखनी, शिराजी कुल्चा, अंडे का हलवा, गुलाठी, मिर्च का हलवा, अनारकली जर्दा आदि हैं.

    वहीं अगर वेज खाने की बात की जाए तो आलू कीमा, पनीर शॉरमा, बैंगन अचारी भी कम जायकेदार नहीं है. वहीं रामपुर का हलवा भी लोग खाए बिना नहीं लौटते. यहां सूजी, बेसन, आटा या मैदे से नहीं बल्कि मिर्च और अदरक का हलवा बनता है. हालांकि इन हलवे में दूध का इस्तेमाल जरूर होता है.
    क्‍या ये रेसिपी आपको पसंद आई?


    अपने दोस्‍त के साथ साझा करें
    टैग्स
Good 0
Poor 0

Advertisment

ज़ायके का सबसे बड़ा अड्डा

पकवान गली में आपका स्‍वागत है!

आप हर वक्‍त खाने-खिलाने का ढूंढते हैं बहाना तो ये है आपका परमानेंट ठिकाना. कुछ खाना है, कुछ बनाना है और सबको दिखाना भी है, लेकिन अभी तक आपके हुनर और शौक को नहीं मिल पाया है कोई मुफीद पता तो आपकी मंजिल का नाम है पकवान गली.


ज़ायका ही आपकी जिंदगी है तो हमसे साझा करें अपनी रेसिपी, कुकिंग टिप्‍स, किसी रेस्‍टोरेंट या रोड साइड ढाबे का रिव्‍यू.

रेसिपी फाइंडर

या
कुछ मीठा हो जाए