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    झारखंड की वो लिट्टी जो रोजाना हवाई जहाज चढ़ती है

    लिट्टी का नाम लेते ही मुंह में पानी आना लाजिमी है. यूपी, बिहार, झारखंड वाले तो लिट्टी चोखा के दीवाने हैं. यूं तो देश के ज्यादातर हिस्सों में लिट्टी का स्वाद चखने को मिल जाएगा. शायद ही ऐसा कोई शहर हो जहां लिट्टी-चोखा न मिलता हो. ऐसी ही एक लिट्टी-चोखा की दुकान झारखंड की राजधानी रांची में है. इसे दुकान न कहकर ठेला कहा जा सकता है. इस ठेला को चलाते हैं भोला. लिट्टी की दुकान का नाम है भोला लिट्टी चोखा ठेला .

    लिट्टी का नाम लेते ही मुंह में पानी आना लाजिमी है. यूपी, बिहार, झारखंड वाले तो लिट्टी चोखा के दीवाने हैं. यूं तो देश के ज्यादातर हिस्सों में लिट्टी का स्वाद चखने को मिल जाएगा. शायद ही ऐसा कोई शहर हो जहां लिट्टी-चोखा न मिलता हो. ऐसी ही एक लिट्टी-चोखा की दुकान झारखंड की राजधानी रांची में है. इसे दुकान न कहकर ठेला कहा जा सकता है. इस ठेला को चलाते हैं भोला. लिट्टी की दुकान का नाम है भोला लिट्टी-चोखा ठेला.

    डोरंडा हाई कोट चौराहे पर तुलसी चौक पर भोला लिट्टी स्टॉल है. लिट्टी-चोखा की इस दुकान पर मिलने वाली लिट्टी की खासियत के बारे में दी लल्लनटॉप के डेविड जॉन ने बताया है. सवाल जवाब में डेविड को दुकान चलाने वाले भोला केवट बताते हैं कि उनकी लिट्टी-चोखा की खासियत यही है कि यह शहर की सबसे पुरानी दुकान है. यहां का सारा सामान शुद्ध होता है. इसलिए लोग लाइन लगाकर उनके लिट्टी-चोखा का स्वाद लेते हैं.

    (लिट्टी-चोखा स्टॉल के मालिक भोला)

    भोला बताते हैं कि प्रत्येक दिन उनकी लिट्टी हवाई जहाज में चढ़ती है. यानी उनकी लिट्टी रोजाना देश के अलग-अलग शहरों में जाती है. लिट्टीप्रेमी इसे अपने साथ पैक कराकर ले जाते हैं. इतने दिन में चोखा खराब होने के सवाल पर भोला बताते हैं कि चोखा की गारंटी नहीं है, लेकिन लिट्टी पांच दिन तक खराब नहीं होती इसकी पूरी गारंटी है.

    भोला बताते हैं कि लिट्टी में ज्यादा सत्तू डालकर बनाने से ही इसका मजा आता है. इसलिए हम अपनी लिट्टी में ज्यादा मात्रा में सत्तू डालते हैं. भोला बताते हैं कि आटा और सत्तू बढ़िया किस्म का इस्तेमाल करते हैं. कच्ची सब्जी और मसालों में अदरक, हरी मिर्च, हरा धनिया, प्याज, अचार का मसाला, नींबू, नमक और जीरा पाउडर डाला जाता है. सत्तू को तैयार करने के लिए सरसों का तेल डाला जाता है. लिट्टी को सही स्वाद देने के लिए जरूरी है सत्तू में मसाला सही मात्रा में डाला जाए. भोला बताते हैं कि वो 1989 से इस लिट्टी की दुकान को संभाल रहे हैं. यहां घी लिट्टी 60 रुपए प्लेट और प्लेन लिट्टी 40 रुपए प्लेट है. एक प्लेट में दो पीस लिट्टी, चोखा और हरी चटनी दी जाती है. भोला को खूब सारे ऑर्डर भी मिलते हैं.

     

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