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    World Lupus Day: ऐसी खतरनाक बीमारी जिसका पता ही नहीं चलता

    ल्यूपस (lupus) एक गंभीर और ऑटोइम्यून बीमारी है, जो शरीर के किसी भी अंग को प्रभावित कर सकती है. दूसरी बीमारी की तरह इसकी पहचान थोड़ा मुश्किल होती है. lupus से पीड़ित मरीजों में, प्रतिरक्षा प्रणाली ऑटो एंटीबॉडी बनाती है, जो शरीर के हेल्दी सेल्स को नष्ट कर देती है. इस बीमारी से शरीर में दाग, सूजन और दर्द होना स्वाभाविक है. ल्यूपस एक संभावित घातक बीमारी है.

    विधि

    ल्यूपस (lupus) एक गंभीर और ऑटोइम्यून बीमारी है, जो शरीर के किसी भी अंग को प्रभावित कर सकती है. दूसरी बीमारी की तरह इसकी पहचान थोड़ा मुश्किल होती है. lupus से पीड़ित मरीजों में, प्रतिरक्षा प्रणाली ऑटो एंटीबॉडी बनाती है, जो शरीर के हेल्दी सेल्स को नष्ट कर देती है. इस बीमारी से शरीर में दाग, सूजन और दर्द होना स्वाभाविक है. ल्यूपस एक संभावित घातक बीमारी है. मस्तिष्क, हृदय, फेफड़े, गुर्दे और त्वचा सहित शरीर के अधिकांश अंगों को यह प्रभावित करती है. हर साल 10 मई को विश्व ल्यूपस दिवस (World Lupus Day) मनाया जाता है. इस दिन लोगों में इस बीमारी के प्रति जागरुकता लाने की कोशिश की जाती है. इससे जरिए इस रोग से पीड़ित 5 मिलियन से अधिक लोगों की सहायता की जाती है.

    lupus बीमारी के लक्षण
    इस बीमारी को सिस्टेमिक ल्यूपस एरिथेमैटोसस (Systemic lupus erythematosus) भी कहा जाता है. बुखार, थकान, शरीर में दर्द, जोड़ों में दर्द, चेहरे पर तितली के पंख जैसे लाल चकते या दाद होना, सूर्य की रोशनी के संपर्क में आने से त्वचा को नुकसान होना, सांस लेने में तकलीफ, सूखी आंखें, छाती में दर्द, सिर दर्द, उलझन या भ्रम और स्मरण शक्ति कम होना इस बीमारी के लक्षण हैं.

    कैसे हो जाती है यह बीमारी
    lupus बीमारी अनुवांशिक भी हो सकती है. धूम्रपान, प्रदूषण और सिलिका धूल जैसे विषैले पदार्थों के संपर्क में रहने से भी यह रोग हो सकता है. साइटोमेगालोवायरस, एपस्टीन-बार या हेपेटाइटिस-सी नामक वायरस के कारण भी यह हो जाती है. हालांकि इस रिसर्च हो रही है. कुछ स्टडी रिपोर्ट्स से पता चलता है कि असामान्य हार्मोन (एस्ट्रोजेन) के स्तर में वृद्धि होने से भी ल्यूपस हो सकती है. साथ ही एप्रेसोलिन (Apresoline), प्रोकैनबिड (Procanbid) और क्विनिडाइन (quinidine) आदि ल्यूपस संक्रामक के रूप में जानी जाती हैं, जिसे दवा-प्रेरित ल्यूपस एरिथेमैटोसस (drug-induced lupus erythematosus) कहा जाता है. संवेदनशील स्किन वाले लोगों में सूर्य की किरणों का एक्सपोजर, आंतरिक प्रतिक्रिया में परिवर्तन कर ल्यूपस से संबंधित त्वचा पर घावों या लक्षणों को बढ़ाता है.

    इस बीमारी का इलाज का क्या है?
    lupus का निदान बहुत मुश्किल होता है, क्योंकि इसके लक्षण समय के साथ अलग हो सकते हैं. कभी-कभी यह दूसरों रोगों के लक्षणों के समान होते हैं. डॉक्टर ल्यूपस का निदान करने के लिए निम्नलिखित परीक्षण कर सकते हैं. पूर्ण रक्त गणना, मूत्र-विश्लेषण, एंटीन्यूक्लियर एंटीबॉडी (एएनए) परीक्षण, चेस्ट एक्स-रे, टिशू बायोप्सी आदि के जरिए इसका निदान किया जाता है.

    lupus के इन्फेक्शन से कैसे बचा जा सकता है.
    वैसे तो इस बीमारी से बच पानी मुश्किल है. पर अगर थोड़ी-सी सावधानी बरती जाए तो इसके इम्फेक्शन से बचा जा सकता है. जिन लोगों की स्किन की प्रॉबल्म होती है उन्हें सीधे सूर्य की रोशनी के संपर्क में आने से बचना चाहिए. छोटी-छोटी बातों पर टेंशन नहीं लेना. बीमारियों से पीड़ित लोगों के आस-पास न रहें. इंफेक्शन होने पर ज्यादा समय आराम ही करें. धूम्रपान न करें. धूम्रपान से दिल और रक्त वाहिकाओं पर इस बीमारी का खतरा बढ़ जाता है. शरीर पर लाल चकते होने, बुखार होने, दर्द या थकान से बदन टूटने पर तुरंत डॉक्टर को दिखाएं.

     

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