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    शास्त्रों में लिखा है खाना खाते समय ये काम भूलकर भी न करें

    सुखी जीवन के लिए जरूरी है कि बैलेंस डाइट. सभी कोशिश करते हैं कि वो ऐसा खाएं जिससे शरीर को फायदा पहुंचे. ज्यादातर लोग अपने खान-पान को लेकर खूब सावधानी बरतते हैं, लेकिन अगर इस सावधानी के साथ ही शास्त्रों में कही इन बातों को मान लें तो कभी नुकसान नहीं होगा. जी हां, जिस तरह से पूजा-पाठ करने की कुछ मुद्राएं और दिशा निर्धारित की गई हैं उसी तरह से खाना खाने के लिए दिशा का महत्व है. आइए जानते हैं खाना खाते किस दिशा में बैठे, कैसे खाना खाएं और खाना बनाने से पहले क्या खास चीज कर लें.

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    सुखी जीवन के लिए जरूरी है कि बैलेंस डाइट. सभी कोशिश करते हैं कि वो ऐसा खाएं जिससे शरीर को फायदा पहुंचे. ज्यादातर लोग अपने खान-पान को लेकर खूब सावधानी बरतते हैं, लेकिन अगर इस सावधानी के साथ ही शास्त्रों में कही इन बातों को मान लें तो कभी नुकसान नहीं होगा. जी हां, जिस तरह से पूजा-पाठ करने की कुछ मुद्राएं और दिशा निर्धारित की गई हैं उसी तरह से खाना खाने के लिए दिशा का महत्व है. आइए जानते हैं खाना खाते किस दिशा में बैठे, कैसे खाना खाएं और खाना बनाने से पहले क्या खास चीज कर लें.

    - हमेशा पूर्व और उत्तर दिशा की तरफ मुंह करके खाना खाएं इससे शरीर को ताकत मिलती है.
    - भूलकर भी पश्चिम और दक्षिण दिशा की तरफ मुंह करके खाना खाने न बैठें. दक्षिण दिशा की तरफ मुख करके भोजन करना अशुभ माना गया है और पश्चिम दिशा की ओर मुंह करके भोजन करने से बीमारियां होती हैं.
    - ध्यान रखें कि खाने का बर्तन हमेशा साफ होना चाहिए. टूटे-फूटे बर्तनों में न तो खाना बनाना चाहिए और न ही खाना चाहिए.
    - खाना हमेशा बैठकर खाएं कभी भी खड़े होकर भोजन नहीं खाना चाहिए. बैठकर खाने से इनडाइजेशन, कॉन्सेटीपेशन और एसिडिटी जैसी समस्या से बचा जा सकता है.
    - खाने को हाथ में लेकर या फिर बिस्तर पर न खाएं. खाना जमीन पर बैठकर और थाली को लकड़ी की टेबल पर रखकर खाना चाहिए.
    - खाना खाने से पहले शरीर के पांचों अंगों को स्वच्छ रखना चाहिए, दोनों हाथ, दोनों पैर और मुंह अच्छे से धो लें. ऐसा माना गया है कि इन्हें साफ करके खाने से स्वास्थ्य अच्छा रहता है और उम्र भी बढ़ती है.
    - जब आप खाना बनाते हैं तो उस समय किसी की बुराई न करें और न किसी के बारे में बुरा सोचें इससे खाने के स्वाद पर फर्क पड़ता है.
    - हमेशा शांत मन से खाना बनाना चाहिए इससे खाना स्वादिष्ट बनता है और घर में कभी भी अनाज की कमी नहीं होती है.
    - खाना बनाने और भोजन से पहले भगवान को याद करें और उनका शुक्रिया करें.
    - खाना खाने के बाद भी भगवान का धन्यवाद करना चाहिए.
    - परोसे हुए खाने का कभी भी अपमान न करें. ऐसा करने भोजन का अपमान होता है.
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