कभी नहीं थे चानू के पास डाइट के पैसे, खाती थीं खराब खाना

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गोल्ड कोस्ट में हो रहे कॉमन वेल्थ गेम्स-2018 में भारतीय वेटलिफ्टर साइखोम मीराबाई चानू ने देश को गोल्ड पदक दिला दिया. उन्होंने पहले दिन महिलाओं की 48 किलोग्राम भारवर्ग स्पर्धा में यह मेडल जीता है.

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गोल्ड कोस्ट में हो रहे कॉमन वेल्थ गेम्स-2018 में भारतीय वेटलिफ्टर साइखोम मीराबाई चानू ने देश को गोल्ड पदक दिला दिया. उन्होंने पहले दिन महिलाओं की 48 किलोग्राम भारवर्ग स्पर्धा में यह मेडल जीता है.

चानू ने स्नैच में 86 का स्कोर किया और क्लीन एंड जर्क में 110 स्कोर करते हुए कुल 196 स्कोर के साथ स्वर्ण अपने नाम किया. स्नैच और क्लीन एंड जर्क दोनों में चानू का यह व्यक्तिगत सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन है. उन्होंने साथ ही दोनों में राष्ट्रमंडल खेल का रिकॉर्ड भी अपने नाम किया है. चानू ने ग्लास्गो में पिछले राष्ट्रमंडल खेलों में रजत पदक जीता था.

आपको बता दें चानू का बचपन भी मुश्किल हालातों में बीता. स्पोर्ट्स कीड़ा को दिए एक इंटरव्यू में उन्होंने बताया था कि जब वे इम्फाल में रहती थीं और जूनियर सर्किट ज्वॉइन किया तो कोच उन्हें दूध, चिकन वाली डाइट चार्ट देते थे. जिसे रोजाना अपनाना चानू के बस में नहीं था, लेकिन सिर्फ इस वजह से उन्होंने अपनी प्रैक्टिस में कोई कमी नहीं की. दूध, चिकन और प्रोटीन युक्त डाइट न लेकर वे अनहेल्दी चीजें खातीं थीं. कई बार अपर्याप्त पोषण के बावजूद वेटलिफ्टिंग करना पड़ा. उनके पिता ने उनसे स्पष्ट कर दिया था कि अगर वह ओलिंपिक के लिए क्वॉलीफाई नहीं करती हैं तो उनको इस खेल से हमेशा के लिए तौबा करना होगा. इसलिए उन्होंने खूब मेहनत की. साथ वे यह भी सोचती थीं कि यह बुरा समय निकल जाएगा. उन्होंने खूब मेहनत की और नतीजा आज हम सबके सामने है.

डाइट चार्ट फॉलो करने के साथ ही मीराबाई चानू कभी-कभार अपनी पसंदीदा मणिपुरी डिशेस भी खा लेती हैं. वैसे वेटलिफ्टिंग के अलावा मीरा को डांस का भी शौक है. बीबीसी को दिए इंटरव्यू में उन्होंने बताया था, 'मैं कभी-कभी ट्रेनिंग के बाद कमरा बंद करके डांस करती हूं और मुझे सलमान खान पसंद हैं.'