सेब पर की गई खराब वैक्स कोटिंग की पहचान कैसे करें?

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खाने-पीने की चीजों में मिलावट आम है. दूध, दही, चावल, दाल से लेकर मिठाइयों में ऐसी मिलावट देखने को मिलती है. वहीं कुछ लोग फलों और सब्जियों में भी मिलावटी रंग चढ़ाकर ताजा बनाने का काम करते हैं. कुछ चीजों की मिलावट का पता हमें तुरंत चल जाता है पर कुछ चीजों का नहीं चलता है. फलों में मिलावट तो नहीं होती, लेकिन इन्हें ज्यादा दिनों तक ताजा रखने के लिए इन पर अलग-अलग तरह की कोटिंग और रंग चढ़ाए जाते हैं.

 

टिप्‍स

खाने-पीने की चीजों में मिलावट आम है. दूध, दही, चावल, दाल से लेकर मिठाइयों में ऐसी मिलावट देखने को मिलती है. वहीं कुछ लोग फलों और सब्जियों में भी मिलावटी रंग चढ़ाकर ताजा बनाने का काम करते हैं. कुछ चीजों की मिलावट का पता हमें तुरंत चल जाता है पर कुछ चीजों का नहीं चलता है. फलों में मिलावट तो नहीं होती, लेकिन इन्हें ज्यादा दिनों तक ताजा रखने के लिए इन पर अलग-अलग तरह की कोटिंग और रंग चढ़ाए जाते हैं.

सेब पर सबसे ज्यादा वैक्स कोटिंग की जाती है. इसे नकारा नहीं जा सकता है, लेकिन कोटिंग के एक मानक तय हैं जिसे फॉलो करना चाहिए, पर कुछ दुकानदार या व्यापारी ऐसा नहीं करते हैं और खराब किस्म के मोम से कोटिंग करके इसे बेचते हैं.

क्यों चर्चा में आ गया सेब
सेब पर कोटिंग को लेकर केंद्रीय मंत्री राम विलास पासवान ने खुलासा किया है. दरअसल, एक कार्यक्रम में उन्होंने जिक्र किया कि कुछ दिन पहले उन्होंने रशियन सलाद बनाने के लिए सेब लिया तो उसमें भरपूर मात्रा में मोम की परत चढ़ी दिखी. मंत्री ने जब सेब चाकू से खुरचकर देखा तो काफी मात्रा में मोम निकला. यह सेब उन्होंने दिल्ली के खान मार्केट से 420 रुपये प्रतिकिलो के भाव से खरीदा था.

कैसे चढ़ाई जाती है सेब पर मोम की परत
सेब को ज्यादा दिनों तक ताजा और चमकदार बनाए रखने के लिए सेब व्यवसायी इस पर मोम की परत चढ़ाते हैं. गौरतलब है कि ऐसा करने की इजाजत खुद सरकार देती है. हालांकि, नियमों की बात करें तो सेब पर खाने योग्य मोम यानी एडिबल वैक्स की तीन वैरायटी का लेप लगाया जा सकता है. इसमें बीजवैक्स, कर्नाउबा वैक्स और शेलैक वैक्स हैं.

कैसे पता चलती है वैक्स कोटिंग
अगर सेब पर इन तीनों में से किसी भी वैक्स की कोटिंग की गई है तो इसकी लेबल पर जानकारी दी जाती है. इसलिए कई बार आप सेब पर एक लेबल लगा देखते हैं, यह वैक्स वाला लेबल होता है. हालांकि कई विक्रेता इसका ध्यान नहीं रखते. इससे बचने के लिए वे साधारण मोम की परत सेब पर चढ़ा देते हैं. जोकि शरीर के लिए हानिकारक साबित होती है.

क्या होता है नुकसान
फल विक्रेता या व्यवसायी स्टैंडर्ड वैक्स कोटिंग नियमों का पालन न करके साधारण मोम यानी नॉन एडिबल वैक्स की कोटिंग करते हैं. जोकि कई तरह की बीमारियों का कारक बनते हैं. इस तरह का मोम सेहत के लिए नुकसानदायक होता है. डॉक्टर्स की माने तो नॉन एडिबल वैक्स खाने से किडनी इंफेक्शन और नसों के कमजोर होने का खतरा बढ़ जाता है.

कैसे पता करें कि सेब में मोम की कोटिंग की गई है?
सेब ऐसा फल है जो कई बीमारियों से बचाता है. डॉक्टर्स भी कहते हैं, 'एन वन एप्पल आ डे, कीप्स डॉक्टर अवे' मतलब जो रोजाना एक सेब खाएगा वो बीमार नहीं होगा. सेब मौसमी फल है इसलिए यह अगस्त से अक्टूबर के मौसम में ही मार्केट में फ्रेश मिलते हैं. इसके अलावा आप जो सेब खरीदकर सालभर खाते हैं, वो कोल्ड स्टोरेज वाले होते हैं. इसलिए अच्छी क्वॉलिटी वाले सेब खरीदते समय इन टिप्स को जरूर फॉलों करें.

- सेब खरीदने से पहले एक सेब के छिलके को ऊपर से रगड़कर देखेंगे तो समझ आएगा कि ये पुराना सेब है. ऐसे सेब अंदर से खराब निकल सकते हैं.

- अच्छे सेब की पहचान यह है कि उसमें से अच्छी खुशबू आएगी और छिलके पर किसी भी तरह के केमिकल की परत नहीं होगी. साथ ही कम चमकीला होगा.

- सेब को गुनगुने पानी में डालकर 2-3 मिनट रखेंगे तो ऊपर की गई कोटिंग निकल जाएगी.

- सेब को चाकू या ब्लेड से खुरचने पर मोम की परत छटती दिखेगी. सेब पर खराब क्वॉलिटी वाली वैक्स कोटिंग को कपड़े से रगड़कर भी पता कर सकते हैं.

- सेब पर वैक्स की कोटिंग को हटाने के लिए गर्म पानी में डुबोकर रखें. फिर ठंडे पानी से अच्छी धोकर साफ करके खाएं.

- एक बड़े कटोरे में एक गिलास पानी डालें. इसमें एक चम्मच नींबू का रस और एक चम्मच बेकिंग सोडा डालकर मिला लें. इस घोल में सेब डालें फिर कपड़े से रगड़कर साफ करें. सेब को साफ पानी से धोकर खाएं. अगर नींबू नहीं है तो पानी विनेगर का इस्तेमाल भी किया जा सकता है.

- सेब साफ करने के लिए एपल सीडर विनेगर का इस्तेमाल किया जा सकता है. इसके लिए पेपर टॉवेल या एक साफ कपड़े को एपल सीडर विनेगर से हल्का गीला कर लें और फिर इससे सेब को अच्छी तरह पोछकर साफ करें. धोकर सेब का सेवन कर सकते हैं.