'बारिश के मौसम में हल्का भोजन', जानिए क्यों दी जाती है ये सलाह?

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बारिश में हमेशा हल्का भोजन करने की सलाह दी जाती है. पर क्या आप जानते हैं कि ऐसा क्यों है? क्यों कहा जाता है कि मानसून सीजन में मसालेदार खाना न खाकर हल्का भोजन करना चाहिए? आइए हम आपको बताते हैं इसके पीछे की वजह.

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बारिश में हमेशा हल्का भोजन करने की सलाह दी जाती है. पर क्या आप जानते हैं कि ऐसा क्यों है? क्यों कहा जाता है कि मानसून सीजन में मसालेदार खाना न खाकर हल्का भोजन करना चाहिए? आइए हम आपको बताते हैं इसके पीछे की वजह.

- मसालेदार खाने में खूब सारे मसालों का प्रयोग होता है जोकि गरिष्ठ होते हैं और इन्हें पचाने में काफी समय लगता है. इसमें आंतों को ज्यादा काम करना पड़ता है, ज्यादा उर्जा खर्च होती है और शरीर में स्फूर्ति नहीं बचती.
- आयुर्वेद के अनुसार इंसान के बीमार पड़ने की वजह होती है शरीर में मौजूद टॉक्सिंस. इन्हें बाहर निकालने में फास्ट रखना यानी व्रत करना भी बहुत जरूरी होता है.
- चूंकि हमारा शरीर में 80 प्रतिशत पानी है तो व्रत के दौरान पानी, जूस, नींबू पानी आदि आसानी से पिया जा सकता है.
- हल्का भोजन आसानी से पच जाता है. इसलिए हमें वही खाना चाहिए जो सुपाच्य हो. यानी आसानी से पच जाए.
- कई लोग बारिश में या पूरे सावन शाकाहारी भोजन ही करते हैं ताकि इस मौसम में होने वाली बीमारियों से बचे रहें.
- मानसून में मछली बिल्कुल नहीं खानी चाहिए. मानसून का समय मछलियों के अंडे देने का समय होता है और ये अंडे मनुष्य के लिए हानिकारक हो सकते हैं.
- ऐसे मौसम में नॉन-वेज खाने से फूड पॉइजनिंग का खतरा बढ़ जाता है.
- इस दौरान मछलियां कीचड़ और गंदे पानी में भी तैरती हैं जिसकी वजह से यह गंदगी उनके अंदर चली जाती है. ऐसी मछलियों का सेवन करने से कई तरह की बीमारियां हमें जकड़ सकती हैं.