ताजे फलों की पहचान कैसे करें
विधि
सेबसेब ऐसा फल है जो कई बीमारियों से बचाता है, तभी डॉक्टर्स भी कहते हैं 'एन वन एप्पल आ डे, कीप्स डॉक्टर अवे' मतलब जो रोजाना एक सेब खाएगा वो बीमार नहीं होगा. सेब मौसमी फल है इसलिए यह अगस्त से अक्टूबर के मौसम में ही मार्केट में फ्रेश मिलते हैं. इसके अलावा आप जो सेब खरीदकर साल भर खाते हैं, वो कोल्ड स्टोरेज वाले होते हैं. अगर आप सेब की चमक देखकर इसे खरीदते हैं, तो ऐसी गलती ना करें क्योंकि इसके ऊपर केमिकल की परत चढ़ी होती है. इसके छिलके को ऊपर से रगड़कर देखें तो समझ आएगा कि ये पुराना सेब है. ऐसे सेब अंदर से खराब निकल सकते हैं. अच्छे सेब की पहचान यहा है कि उसमें से अच्छी खुशबू आएगी और छिलके पर किसी केमिकल की परत नहीं होगी. साथ ही कम चमकीला होगा. वहीं सेव को गुनगुने पानी में डालकर 2-3 मिनट रखेंगे तो ऊपर की गई कोटिंग निकल जाएगी.
केला
केला एक ऐसा फल है जिसे ज्यादातर लोग खाना पसंद करते हैं. इसमें बहुत ज्यादा प्रोटीन होता है, लेकिन इन दिनों मार्केट में कैमिकल वाले केले मिल रहे हैं, जिससे केले को रातोंरात पकाया जाता है. इसलिए केला खरीदते समय ध्यान रखें कि न तो ज्यादा पीला हो और न ही दाग धब्बे वाले हों.
आम
आम गर्मियों में बिकने वाला मौसमी फल है. यूं तो साल भर बिकता है, लेकिन 2 से 3 महीने (अप्रैल, मई और जून) ही ऐसे होते हैं जब बिना कैमिकल के पेड़ से पके आम मिलते हैं. आम पहचान पाना बहुत ही मुश्किल है, क्योंकि आम बहुत तरह के होते हैं. फिर भी आप पेड़ के पके आम को पहचानना चाहते हैं तो इसकी खुशबू से बता चल जाएगा. इन मौसमों में खरीदे गए आम के छिलके हरे ही होते हैं. इसे हल्का दबाकर देख सकते हैं कि यह पका है या खराब हो चुका है. यह भी ध्यान रखें कि आम पर काले दाग-धब्बे न हो.
तरबूज
तरबूज में 92% पानी होता है इसलिए तरबूज खाना बेहद फायदेमंद होता है. अप्रैल से जून में मिलने वाला तरबूज ज्यादा मीठा होता है. तरबूज खरीदते समय उस पर हाथ थपथपाकर देखें. आवाज अगर खोखली आ रही हो तो तरबूज ना खरीदें. जो तरबूज वजन में भारी है वो अंदर से अच्छा निकलेगा.
अंगूर
अंगूर कई बीमारियों से निजात दिलाने में मदद करता है. माइग्रेन के दर्द में अंगूर का जूस बहुत ही लाभदायक होता है. जो अंगूर दिखने में गोल्डन ग्रीन रंग और लंबे आकार का होगा उतना ही मीठा होगा. छोटे-छोटे गोल अंगूर खट्टे होते हैं. साथ ही अंगूर खरीदते समय उसके रंग पर हमेशा ध्यान दें, जितना गहरा रंग होगा उतने ही अच्छे अंगूर होंगे.
पपीता
पपीता पाचन के लिए काफी लाभकारी होता है. पपीते के सही होने का अंदाजा उसे छू कर लगाया जा सकता है. अगर पपीता उठाने में पिलपिला लगे या सफेद धब्बे हों तो ऐसा पपीता खराब होता है. अगर पपीता हरे रंग का होता है तो वह भी कच्चा होता है. पीले रंग का पपीता ही अच्छा पपीता होता है. पपीता अगर ज्यादा वजन दार होगा, तो ऐसा पपीता अच्छा होता है. क्योंकि इसमें गूदा ज्यादा और बीज कम होंगे.