देवउठनी एकादशी: व्रत रखने वाले भूलकर न करें ये काम

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आज यानी 25 नवंबर को देवउठनी एकादशी है. इसे देवोत्थान एकादशी या देवप्रबोधनी एकादशी या तुलसी विवाह के नाम से भी जाना जाता है. इस दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान कर विष्णु जी की पूजा अर्चना की जाती है और फिर विधिवत तुलसी विवाह करना शुभ माना जाता है. साथ ही खान-पान से जुड़ी कई बातों का ध्यान रखना भी बेहद जरूरी होता है. ऐसा माना जाता है कि इस व्रत के पालन में भूलकर भी ऐसी गलतियां नहीं करनी चाहिए.

विधि

आज यानी 25 नवंबर को देवउठनी एकादशी है. इसे देवोत्थान एकादशी या देवप्रबोधनी एकादशी या तुलसी विवाह के नाम से भी जाना जाता है. इस दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान कर विष्णु जी की पूजा अर्चना की जाती है और फिर विधिवत तुलसी विवाह करना शुभ माना जाता है. साथ ही खान-पान से जुड़ी कई बातों का ध्यान रखना भी बेहद जरूरी होता है. ऐसा माना जाता है कि इस व्रत के पालन में भूलकर भी ऐसी गलतियां नहीं करनी चाहिए.

- व्रतियों को निर्जला या केवल जलीय पदार्थों पर ही उपवास रखना चाहिए.
- देवउठनी एकादशी के दिन मांसाहार का सेवन बिल्कुल नहीं करना चाहिए.
- कहते हैं कि जिन्होंने व्रत न भी रखा हो उन्हें भी आज के दिन प्याज, लहसुन, मांस, मछ्ली और अंडे के सेवन से दूर रहना चाहिए.
- एकादशी के दिन चावल और इससे बनी चीजों के न खाने की मान्यता है. मान्यताओं के अनुसार जो इस दिन चावल का सेवन करते हैं वे अगले जन्म में रेंगनेवाले जीव के रूप में जन्म लेते हैं.
- शराब पीने से सख्त परहेज करना चाहिए.
- अगर रोगी, वृद्ध, बालक या व्यस्त व्यक्ति हैं तो केवल एक समय का उपवास रखना चाहिए और फलाहार करना चाहिए.
- एकादशी के दिन चुगली, झूठ, गुस्से से दूर रहना चाहिए.
- इनके अलावा मन को शांत रख झगड़ों से भी दूर रहना चाहिए.