अष्टमी पर कन्या पूजा का महत्व और नवमी का शुभ मुहूर्त

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आज (6 अक्टूबर) शरद नवरात्र की अष्टमी का दिन है. इस दिन देवी मां के आठवें स्वरूप महागौरी की पूजा की जाती है. महागौरी शांत स्वरूप की देवी है. इनकी पूजा करने से भक्तों के जीवन से परेशानियां मिट जाती हैं और जीवन सुखमय होता है.

विधि

आज (6 अक्टूबर) शरद नवरात्र की अष्टमी का दिन है. नवरात्र में अष्टमी का काफी महत्व है. इस दिन देवी मां के आठवें स्वरूप महागौरी की पूजा की जाती है. इनका वर्ण रूप गौर यानी सफेद है. ऐसा माना जाता है कि उन्होंने 8 वर्ष की उम्र में भगवान शिव को पति रूप में पाने के लिए कठिन तपस्या की थी, जिस कारण उनका रंग काला पड़ गया था, लेकिन बाद में भगवान शिव नें गंगा जल से देवी के रंग को फिर से गौर वर्ण में बदल दिया था. महागौरी का स्वरूप ममतामयी है. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार भक्तों को भी इनकी पूजा करने से सुख शांति और समृद्धि मिलती है.

हिंदू धर्म में कुछ लोग नवमी पूजते हैं तो कुछ लोग अष्टमी पूजते हैं. आज अष्टमी के दिन कन्या पूजन करके व्रती अपना व्रत खोलते हैं. आज के दिन महागौरी को नारियल का भोग लगाने की परम्परा भी चली आ रही है. भोग लगाने के बाद इस नारियल को प्रसाद के रूप में बांट दिया जाता है या फिर किसी ब्राह्मण को दे दिया जाता है.

दुर्गा अष्टमी तिथि और मुहूर्त
दुर्गा अष्टमी रविवार, 6 अक्टूबर 2019
अष्टमी तिथि प्रारम्भ- 5 अक्टूबर 2019 को सुबह 9:51
अष्टमी तिथि समाप्त- 6 अक्टूबर 2019 को सुबह 10:54

शरदीय नवरात्रि की महानवमी 7 अक्टूबर को पड़ रही है. इस दिन मां दुर्गा के नौवें स्वरूप सिद्धिदात्री की पूजा होती है. इस दिन कन्या पूजन में कन्याओं को हलवा, पूरी और चने का प्रसाद खिलाते हैं. उन्हें लाल चुनरी उड़ाना भी शुभ माना जाता है.

नवमी तिथि प्रारंभ- 6 अक्टूबर 2019 को सुबह 10:54 बजे
नवमी तिथि समाप्त- 7 अक्टूबर 2019 को दिन के 12:38 बजे