माघ गणेश जयंती के दिन ऐसे करें गणेश पूजन, बनाएं ये प्रसाद
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गणेश चतुर्थी यानी भगवान गणेश का जन्मोत्सव. गणेश जयंती का पर्व बहुत ही
धूम-धाम से मनाया जाता है. कई जगह भाद्रपद में होने वाली गणेश चतुर्थी मनाई
जाती है तो कई जगह माघ महीने की. इस दिन भगवान गणेश का मनपसंद भोग बनाया
जाता है.
गणेश चतुर्थी यानी भगवान गणेश का जन्मोत्सव. गणेश जयंती का पर्व बहुत ही धूम-धाम से मनाया जाता है. कई जगह भाद्रपद में होने वाली गणेश चतुर्थी मनाई जाती है तो कई जगह माघ महीने की. इस दिन भगवान गणेश का मनपसंद भोग बनाया जाता है.
ये चढ़ाया जाता है प्रसाद :
- गणेश जयंती के दिन हल्दी या सिंदूर की गणेश प्रतिमा बनाकर पूजा की जाती है.
- गणपति को तिल के लड्डुओं का भोग लगाया जाता है.
- गणेश जी का प्रिय भोग मोदक तो बनाया ही जाता है.
- मोदक में नारियल, जायफल और केसर की स्ट्फिंग भरी जाती है.
- इसके बाद हर प्रसाद को सब में बांटा जाता है.
- इस दिन पानी में तिल मिलाकर नहाने की परंपरा भी है.
महाराष्ट्र में माघ महीने की गणेश जयंती के दिन ही भगवान गणेश का जन्मोत्सव मनाया जाता है. इसे माघ शुक्ल चतुर्थी, तिलकुंड चतुर्थी और वरद चतुर्थी के नाम से भी जाना जाता है. 8 फरवरी की सुबह 10 बजकर 17 मिनट के शुरु हो चुकी इस तिथि के समाप्त होने का समय 12 बजकर 25 मिनट का है. मान्यताओं के अनुसार इस दिन व्रत करने से भगवान गणेश भक्तों के सभी संकट दूर करते हैं.
ये चढ़ाया जाता है प्रसाद :
- गणेश जयंती के दिन हल्दी या सिंदूर की गणेश प्रतिमा बनाकर पूजा की जाती है.
- गणपति को तिल के लड्डुओं का भोग लगाया जाता है.
- गणेश जी का प्रिय भोग मोदक तो बनाया ही जाता है.
- मोदक में नारियल, जायफल और केसर की स्ट्फिंग भरी जाती है.
- इसके बाद हर प्रसाद को सब में बांटा जाता है.
- इस दिन पानी में तिल मिलाकर नहाने की परंपरा भी है.