इसलिए व्रत में नहीं खाते अनाज, विज्ञान और धर्म के ये हैं तर्क
नवरात्रि में सिर्फ फलाहार ही क्यों?
Chaitra navratri 2019 में कई लोग पूरे नौ दिन का व्रत रखते हैं तो कई लोग केवल पहले और आखिरी दिन का. व्रत रखने पर आप फलाहार बिना किसी सोच के आराम से खा सकते हैं. फल, जूस, दूध और मावा की बनी मिठाई खाई जा सकती है. कुट्टू का आटा और साबूदाने की बनी चीजों को खाना भी लोग पसंद करते हैं. पर अनाज का सेवन बिल्कुल नही किया जाता है. आइए हम बताते हैं क्या है इसके पीछे की वजह.
ये कहता है धर्म:
धार्मिक मान्यताओं की मानें तो व्रत करने से शरीर शुद्ध और मन साफ होता है. इसी वजह से इंसान भगवान की साधना शांति से कर पाता है. ऐसे करने से उसकी इच्छाशक्ति भी प्रबल होती है. कहा जाता है कि जो लोग व्रत रखते हैं वे ईश्वर के और करीब होते जाते हैं. ज्योतिषियों का कहना है कि व्रत रखने से देवी-देवता खुश होते हैं.
ये कहता है विज्ञान:
Chaitra navratri 2019 के मौके पर व्रत रखने के धार्मिक महत्व होने के अलावा वैज्ञानिक महत्व भी होता है. केवल धर्म ही ही नहीं, व्रत-उपवास के महत्व को सांइस भी मानता है. साल में दो बार आने वाली Navratri के दौरान मौसम बदल रहा होता है और बदलते मौसम में शरीर को रोगमुक्त रखने के लिए नौ दिन के व्रत करना लाभकारी होता है.
कुछ ऐसा कहना है आयुर्वेद का?
प्राचीन समय में तपस्वी और मुनि कठोर तप करते थे और इस दौरान वे सिर्फ फूल-फल और पेय पदार्थों का सेवन करते थे. इस कारण से उनका शरीर विषैले तत्वों से दूर रहता था. आयुर्वेद के मुताबिक जब मौसम बदलता है तो मांसाहार, लहसुन, प्याज आदि के सेवन से परहेज करना चाहिए. Chaitra navratri 2019 के दौरान शरीर की रोग-प्रतिरोधक क्षमता काफी कम होती है. इसलिए हल्का भोजन सेहत के लिए अच्छा होता है. आयुर्वेद के अनुसार व्रत रखने से पाचन तंत्र अच्छा रहता है .