इस देवी को चढ़ता है समोसा, कचौड़ी और भजिया प्रसाद

offline
आमतौर पर मंदिरों, देवालयों में मिठाई का प्रसाद चढ़ाया जाता है, मगर मध्यप्रदेश के दतिया में एक देवी का ऐसा मंदिर है, जहां नमकीन अर्थात कचौड़ी, समोसे और भजिया का प्रसाद चढ़ाया जाता है.

विधि

आमतौर पर मंदिरों, देवालयों में मिठाई का प्रसाद चढ़ाया जाता है, मगर मध्यप्रदेश के दतिया में एक देवी का ऐसा मंदिर है, जहां नमकीन अर्थात कचौड़ी, समोसे और भजिया का प्रसाद चढ़ाया जाता है.
दतिया की पीतांबरा पीठ में दर्शन करने देशभर से भक्त पहुंचते हैं, यहीं पर है धूमावती माता का मंदिर. यह ऐसा मंदिर है, जिसके दर्शन सुहागिनों के लिए प्रतिबंधित हैं, कहा जाता है कि धूमावती विधवाओं की देवी हैं. इस पीठ के ट्रस्ट की प्रमुख राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे सिंधिया हैं.
(नवरात्र स्पेशल: 9 दिन 9 देवियों को चढ़ाएं उनके पसंदीदा भोग )

मान्यता है कि यह तांत्रिक देवी हैं और सम्मोहन, उच्चाटन (दूरी बढ़ाना) और विजय-पराजय को पाने के लिए श्रद्धालु यहां आकर विशेष अनुष्ठान कराते हैं. लगातार पांच शनिवार यहां दर्शन करने का विशेष महत्व है और ऐसा करने पर मनोकामना पूरी होने की बात कही जाती है.
(तो इस वजह से श्रीकृष्ण को लगाया जाता है माखन मिश्री भोग )

इलाहाबाद के वीरेंद्र यादव बताते हैं कि यह ऐसी पीठ है, जहां तमाम राजनेता से लेकर अधिकारी तक अपनी मनोकामना पूरी करने के लिए विशेष अनुष्ठान कराते हैं. मंदिर और देवी के भक्त संजय सिंह बताते हैं कि यहां इंदिरा गांधी, पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी, वर्तमान राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद जैसी विभूतियां दर्शन करने को आ चुकी हैं. 
(ये है राष्ट्रपति भवन के किचन की खासियत )
धूमावती माता की प्रतिमा मनमोहक न होकर भय पैदा करने वाली है. प्रतिमा श्याम वर्ण है, सफेद साड़ी और उनका वाहन कौवा है. बाल पूरी तरह खुले हुए हैं. वे तामसी स्वभाव की मानी गई हैं, इसीलिए उन्हें तामसी प्रसाद अर्थात नमकीन, समोसा, कचौड़ी, भजिया आदि प्रसाद में चढ़ाए जाते हैं.