जानें रेड और वाइट मीट के बीच का फर्क...

offline

विधि

नॉन-वेज खाने के शौकीन हैं और मीट पसंद करते हैं तो खाने से पहले जान लें ये कुछ अहम बातें...
- रंग: रेड मीट में मायोग्लोबिन ज्यादा होता है. यह एक किस्म के सेल्स होते हैं जो मसल्स में आक्सीजन पहुंचाने का काम करते हैं. इसीलिए रेड मीट ब्रेस्ट मीट की तुलना में ज्यादा गहरे रंग के होते हैं. रेड मीट में बीफ, पोर्क और लैम्ब शामिल होते हैं. वाइट मीट को पोल्ट्री मीट भी कहते हैं क्योंकि इसमें चिकन की ही बात की जाती है.

- फैट: रेड और वाइट मीट में सबसे बड़ा फर्क दोनों में मौजूद फैट से होता है. वाइट मीट में प्रोटीन कम पाया जाता है और इसमें फैट भी बहुत कम होता है. लेकिन रेड मीट वाइट मीट से बिल्कुल अलग होता है. रेड मीट में बहुत ज्यादा फैट होता है और कई सारे विटामिंस जैसे कि आयरन, जिंक, विटामिन बी भी पाए जाते हैं.

- एनर्जी: ओरिगन स्टेट यूनिवर्सिटी में हुए एक अध्ययन से पता चला है कि रेड मीट में विटामिन बी बहुत होता है. विटामिन बी एनर्जी का बेहतरीन जरिया है, लेकिन वाइट मीट इससे बिल्कुल अलग है. 100 ग्राम चिकन मीट में केवल 197 कैलोरी पाई जाती है.

- मसल्स: रेड मीट बीफ की बात करें तो इसके जरिए शरीर महज 74 फीसदी प्रोटीन ही ले पाता है, जबकि वाइट मीट यानि चिकन से हमारा शरीर 80 फीसदी तक प्रोटीन लेता है और अन्य मांस की तुलना में यह आसानी से हजम भी हो जाता है.