फिल्मों में आने से पहले इस कैंटीन में काम करते थे दिलीप कुमार
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हिंदी फिल्म जगत के ऐसे कई सितारे हैं जिन्होंने फिल्मों में आने से पहले किसी रेस्टोरेंट या छोटी दुकानों पर खाना बनाने काम किया.
ऐसी ही कुछ कहानी सदाबहार अभिनेता दिलीप कुमार की है
ऐसी ही कुछ कहानी सदाबहार अभिनेता दिलीप कुमार की है
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हिंदी फिल्म जगत के ऐसे कई सितारे हैं जिन्होंने फिल्मों में आने से पहले किसी रेस्टोरेंट या छोटी दुकानों पर खाना बनाने काम किया. ऐसी ही कुछ कहानी सदाबहार अभिनेता दिलीप कुमार की.
सदाबहार अभिनेता दिलीप कुमार जिंदगी फिल्मों में आने से पहले काफी संघर्षमय थी. उनका परिवार मुंबई के क्रॉफोर्ड मार्केट में फल बेचने का काम किया करता था. उस वक्त उनकी किस्मत मानों थम सी गई थी. शुरुआत में वे फल की दुकान पर बैठते थे. इसके बाद 17 साल के होने पर यूसुफ (पहले का नाम) ने पुणे के ब्रिटिश आर्मी क्लब 'विल्लिंगडन क्लब' में सैंडविच की एक दुकान शुरू की.
(pic- pinterest)
दिलीप साहब बचपन से ही खाना बनाने और खाने के बेहद शौकीन रह चुके हैं. अंग्रेजी अखबार मिंट में छपी एक रिपोर्ट की मानें तो जहां फिल्म अभिनेता देव आनंद एक रोटी और सिर्फ एक कटोरी सलाद खाया करते थे वहीं दिलीप साब अपनी पसंदीदा डिश अवधी स्टाइल कबाब और बिरयानी बड़े चाव से खाते थे. दिलीप जी इंग्लिश स्टाइल में सैंडविच बनाते थे और धीरे-धीरे उनका स्टॉल बहुत ही मशहूर भी हुआ. जो महिलाएं वहां अक्सर सैंडविच खाने आया करती थीं, वे दिलीप साहब को स्पैनिश में 'chico', a 'lad' यानी यंग बॉय कहकर पुकारती थीं. इससे ऐसा हुआ कि अभी तक सायरा बानो खुद भी कभी-कभार दिलीप कुमार को चिको नाम से पुकार लेती हैं.