हमेशा फिट और एक्टिव रहने के लिए कुछ ऐसा खाना खाते हैं जवान
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हमारे देश के जवान, हमारे सैनिक हमेशा तत्पर रहकर, अडिग खड़े रहकर देश की ,
हम सब की रक्षा करते हैं. पर क्या कभी आपने सोचा है कि इतनी उर्जा, इतनी
चुस्ती-फुर्ती वे लाते कहां से हैं? इसके लिए वे हमेशा पौष्टिक और कम तेल वाला खाना ही खाते हैं.
विधि
हमारे देश के जवान, हमारे सैनिक हमेशा तत्पर रहकर, अडिग खड़े रहकर देश की , हम सब की रक्षा करते हैं. पर क्या कभी आपने सोचा है कि इतनी उर्जा, इतनी चुस्ती-फुर्ती वे लाते कहां से हैं?बता दें कि पहले वे खुद को तंदुरूस्त रखने के लिए रागी और मक्के की रोटी खाया करते थे. साथ ही चने भी खूब खाते थे. तेल का इस्तेमाल बहुत ही कम करते थे और चीनी की जगह गुड़ का इस्तेमाल ज्यादा होता था. मूंगफली और गुड़ के लड्डूओं को स्नैक्स के तौर पर खाते थे. वे हर तरह का पौष्टिक खाना अपनी डाइट में शामिल करते हैं जिससे कभी भी उन्हें सुस्ती या आलस का आभास न हो. तो आइए यहां हम आपको बता रहे हैं उन डिशेस के बारे में जिनका ईजाद खुद जवानों द्वारा ही किया गया है.
भतकम पूरणपोली
यह एक ऐसी मीठी डिश है जिसमें रोटी के अंदर पके चावल का पेस्ट और गुड़ का भरावन भरकर पराठे बनाए जाते हैं.

बादाम का गुट्टा
बादाम और गुड़ मिलाकर बादाम का गुट्टा बनाया जाता है. इसके बाद इसे सेंका जाता है. जब इसका पूरा तेल निकलने लगता है तो इसके लड्डू बनाए जाते हैं.
कडबोली
यह कड़े के शेप का बनता है इसलिए इसे सैनिक 'कड़ा' बोलते हैं. आटा, उड़द दाल, चना और चावल को पीसकर यह कड़े के आकार में बनाया जाता है.

अंबिल
अंबिल भी चावल से बनने वाली एक डिश है. इसमें पिसे हुए चावल को उबालकर, इसमें नमक मिलाकर कुई घंटों के लिए एक मटके में रखा जाता है. इसमें खमीर उठने के बाद इसे खाया जाता है.
सत्तू की लिट्टी
आटे में सत्तू का घोल मिक्स कर लोई बनाकर इसे बनाया जाता है. घोल बनाने के लिए गरम पानी में गुड़ और सत्तू का आटा मिलाया जाता है.