इतने साल पुराना है मालपुए का इतिहास

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भारतीय खान-पान सदियों से अपने स्वाद में विभिन्न्ता के लिए जाना जाता है. इन्हीं में से एक है मालपुआ. मालपुए का नाम तो आपने सुना ही होगा, पर क्या आप जानते हैं इसका इतिहास? मालपुआ सबसे पुरानी भारतीय मिठाई है. यह न केवल भारत में बल्कि बांग्लादेश, नेपाल (मरपा) और पाकिस्तान में भी बहुत फेमस है.

विधि

भारतीय खान-पान सदियों से अपने स्वाद में विभिन्न्ता के लिए जाना जाता है. इन्हीं में से एक है मालपुआ. मालपुए का नाम तो आपने सुना ही होगा, पर क्या आप जानते हैं इसका इतिहास? मालपुआ सबसे पुरानी भारतीय मिठाई है. यह न केवल भारत में बल्कि बांग्लादेश, नेपाल (मरपा) और पाकिस्तान में भी बहुत फेमस है.

मालपुआ एक तरह का पैन केक है जिसे मैदे से बनाया जाता है. इसे देसी घी में तलकर, चाशनी में डूबोकर निकाला जाता है. भारत में इसे ड्राई-फ्रूट्स से गार्निश कर या ऊपर रबड़ी डालकर ही सर्व किया जाता है.

बता दें कि सबसे पहले रिग वेद में मालपुए का जिक्र 'अपुपा' के नाम से किया गया था. तब इसे जौ से बनाया जाता था. देसी घी में तलकर और फिर शहद में डूबोकर इसे परोसा जाता था.


इसके बाद-धीरे-धीरे 2 BC में इसे आटा से बनाया जाने लगा. आटे में दूध, मक्खन, चीनी, इलायची, काली मिर्च और अदरक मिक्स कर इसे बनाया जाता था.

2 BC में ही यह 'पुपालिके' के नाम से एक बार फिर सामने आया. तब इसमें गुड़ की स्ट्फिंग भरी जाने लगी. इसे 'स्ट्फ्ड अपुपा' भी कहा जाने लगा.


इन सबके बाद पाकिस्तान में इसे अंडे से बनाना शुरु हुआ. वहां इस डिश को ' मालपुआ विद एग एंड मावा' के का रूप मिला. पाकिस्तान में इसे हर खास त्योहार पर बनाने की शुरुआत हो गई.

इतने सब बदलाव के बाद आज यह मालपुए के नाम से पूरे भरत में मशहूर है. आज इसे होली, दिवाली सभी त्योहारो पर खूब बनाया जाता है. भारत के हर कोने में इसे बनाने की अपनी अलग-अलग विधि है, पर स्वाद इसका एक ही है.