इतना दूध, चीनी, पत्ती लगती है गोल्डन टेंपल की रोजाना की चाय में

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अगर घर पर 20 लोग भी आ जाएं और उनके लिए चाय बनानी हो तो बड़ा मुश्किल हो जाता है. कितना दूध, कितनी पत्ती और और चीनी डालकर चाय पकाई जाए. जरा सोचिए अमृतसर के गोल्डन टेंपल में आने वाले श्रद्धालुओं के लिए कितनी चाय बनती है.

विधि

अगर घर पर 20 लोग भी आ जाएं और उनके लिए चाय बनानी हो तो बड़ा मुश्किल हो जाता है. कितना दूध, कितनी पत्ती और और चीनी डालकर चाय पकाई जाए. जरा सोचिए अमृतसर के गोल्डन टेंपल में आने वाले श्रद्धालुओं के लिए कितनी चाय बनती है.
 यहां रोजाना लाखों की तादात में श्रद्धालु मत्था टेकने आते हैं. ऐसे में गुरुद्वारे में हर घंटे के हिसाब से चाय बनाई जाती है. हालांकि यह कहना मुश्किल है कि यहां चाय की सेवा कब से शुरू हुई है, लेकिन ऐसा माना जाता है कि भारत में चाय ब्रिटिश लेकर आए थे. इससे पहले गोल्डन टेंपल में दूध बांटा जाता था. गोल्डन टेंपल से जुड़े एक अधिकारी का कहना है कि हर घंटे में यहां 30 हजार कप चाय तैयार की जाती है. 
(लखनऊ गए और इनके यहां की चाय नहीं पी तो क्या किया)

इतनी मात्रा में चाय बनाने के लिए 6 लोगों की टीम है. चाय के लिए 30 किलोग्राम दूध पाउडर को 300 लीटर पानी के साथ उबाला जाता है. जब दूध पूरी तरह तैयार हो जाता है तो उसमें 50 किलो चीनी और चायपत्ती डाली जाती है. फिर चाय के मसाले अदरक, सौंफ, इलायची, दालचीनी डालकर बड़ी कड़छी से हिलाते हुए इसे पकाया जाता है. इतनी ज्यादा चाय बनाने के लिए 1 घंटे का समय लगता है. इसके बाद इसे छानकर बांटा जाता है.
(जानें किस चाय के क्या हैं फायदे और बनाने का तरीका)


photo: Pinterest