ऐसे करें सही काजू की पहचान

offline

 

विधि

जहां एक तरफ हमेशा से मसालों को रसोई की शान कहा जाता है, वहीं दूसरी और एक ऐसा ड्राई फ्रूट भी है जिसके बिना त्योहारों और शादियों में हर सब्जी अधूरी मानी जाती है. जी हां, हम बात कर रहे हैं काजू की, जिसका इस्तेमाल मिठाइयों से लेकर सब्जियों तक हर चीज में होता है. 

हालांकि काजू में फैट की मात्रा अधिक होती है, लेकिन वो गुड फैट में आता है. इसमें प्रोटीन, विटामिन, मिनरल्स, फाइबर आदि भरपूर मात्रा में पाए जाते हैं. इसका सेवन दिल के लिए अच्छा माना जाता है, पाचन शक्ति बढ़ाता है, लो ब्लड प्रेशर की समस्या को दूर करता है और दातों को मजबूत करता है.

भारत में काजू की खेती केरल, महाराष्ट्र, गोवा, तामिलनाडु, आंध्र प्रदेश, पश्चिम बंगाल में होती है. काजू सावधानी से खरीदना चाहिए क्योंकि इसमें मिलावट के चांस भी होते हैं.

इतना ही नहीं, काजू खाते समय कुछ बातों का ध्यान देना भी बहुत जरूरी होता है. ज्यादा काजू का सेवन एलर्जी और मोटापा बढ़ा सकता है.

ऐसे करें काजू की पहचान:

- काजू का रंग सफेद होना चाहिए. अगर काजू हल्का सा भी पीला है तो काजू नकली है और उसे खरीदने से बचें.
- कुछ काजू को खाकर देखें. अगर दातों में चिपक रहे हैं तो यह खराब हैं.
- इन्हें खरीरदते समय देखें की कहीं काजू में घुन या सुड़ी न लगें हों.
- अगर काजू में थोड़ी भी तेल जैसी महक आए तो इसे खरीदने से बचें.

इतना और ऐसे करें सेवन:

- एक दिन में एक व्यक्ति 6 काजू खा सकता है.
- काजू खाने का कोई फिक्स टाइम नहीं है. आप इसे किसी भी समय खा सकते हैं.
- काजू को स्नैक्स के रूप में खा सकते हैं. इन्हें तेल में हल्का फ्राई कर लें और मसाला डालकर खाने से यह बहुत ही स्वादिष्ट लगते हैं.
- काजू को हलवे या खीर में डालकर खाना बहुत अच्छा लगता है.