जान लीजिए कैसे बनाना चाहिए किचन का बजट?

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5 जुलाई को मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का पहला बजट पेश होगा. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण बजट पेश करेंगी. इस बजट में जहां देश के विकास को लेकर सरकार फैसला करेंगी वहीं महिलाओं को भी उम्मीद है कि महंगाई कम होगी. क्योंकि घर का बजट उन्हीं के हाथों में होता है. पूरे महीने का घर-खर्च उनको ही चलाना पड़ता है. इसमें सब्जी, दाल, तेल, साबुन, दूध, दही से लेकर राशन तक का हिसाब-किताब का खाका वही बनाती है. इस बजट से उनको भी उम्मीद है कि महंगाई कुछ कम होगी.

विधि

5 जुलाई को मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का पहला बजट पेश होगा. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण बजट पेश करेंगी. इस बजट में जहां देश के विकास को लेकर सरकार फैसला करेंगी वहीं महिलाओं को भी उम्मीद है कि महंगाई कम होगी. क्योंकि घर का बजट उन्हीं के हाथों में होता है. पूरे महीने का घर-खर्च उनको ही चलाना पड़ता है. इसमें सब्जी, दाल, तेल, साबुन, दूध, दही से लेकर राशन तक का हिसाब-किताब का खाका वही बनाती है. इस बजट से उनको भी उम्मीद है कि महंगाई कुछ कम होगी.

पर इससे पहले यह जान लीजिए घर बजट कैसे बनाना चाहिए. या महिलाएं किस तरह से कम खर्च में बढ़िया तरीके से घर चला सकती हैं. वो कौन-सी चीजें हैं जिनसे महंगाई के बाद भी कम खर्च करके परिवार का भरण-पोषण किया जा सकता है.

- सबसे पहले महीने के खर्चों को लिख लीजिए. इसमें राशन, मकान (किराया या किश्‍त), बिजली, पानी, गैस, गाड़ी और ऐसी ही दूसरी ज़रूरी चीज़ों पर कितना खर्चा होता है, उसका पूरा हिसाब होना चाहिए. जो पैसे आपको साल में एक बार चुकाने पड़ते हैं, उन्हें 12 से भाग कीजिए ताकि यह पता चले कि हर महीने उनके लिए कितना पैसा अलग रखना चाहिए. साथ ही रोजाना या हफ्ते में सब्जी पर कितना खर्च होता है यह भी लिख लें.

- खर्च को अलग-अलग हिस्सों में जैसे कि राशन, घर, गाड़ी, आने-जाने और बाकी चीज़ों का खर्च आदि.

- देखिए कि आपकी जमा-पूंजी में से हर महीने, हर वर्ग में कितने पैसे खर्च होंगे. यहीं से हिसाब लगाइए कि जिन बिलों का भुगतान साल में एक बार किया जाता है, उसके लिए आपको हर महीने कितने पैसे अलग रखने चाहिए. यह अमूमन किस्त

- घर के सभी सदस्यों की कुल आमदनी जोड़ लीजिए. उसमें से टैक्स वगैरह के पैसे घटा दीजिए, फिर उसकी तुलना कुल खर्च से कीजिए.

- एक महीने में हर वर्ग में कितना खर्चा होगा उसके पैसे अलग रखिए. अगर आप नकद रुपए इस्तेमाल करते हैं, तो एक आसान तरीका है कि आप हर वर्ग के लिए एक अलग लिफाफा बना लें. फिर समय-समय पर लिफाफे में तय खर्च के हिसाब से पैसे रख दीजिए. आप चाहें तो इन पैसे को बैंक में भी रख सकते हैं. इससे इन पैसों पर ब्याज भी मिल सकता है. ज्यादा नहीं लेकिन कुछ तो मिलेगा. यह इस पर भी निर्भर करता है कि आपने बैंक में कितना पैसा जमा किया है.

- क्रेडिट कार्ड से खरीदारी पर जितना कोशिश करें बचें. अगर खरीदारी कर भी रहे हैं तो समय पर बिल का भुगतान जरूर करें. क्योंकि क्रेडिट कार्ड में ब्याज बहुत ज्यादा लगता है साथ ही लेट पेमेंट चार्ज और कुछ और चार्जेस ज्यादा होते हैं.

- सेल या ऑफर में कुछ चीजें सस्ती तो मिल जाती हैं, लेकिन इसमें ज्यादा खरीदारी हो जाती है. कुछ ऐसी चीजें भी खरीद लेते हैं जिनकी जरूरत नहीं होती है. ऐसे में यह तय कर लें कि जरूरत कितनी है और खर्च कितना करना है.

- वहीं किचन की जरूरी चीजें जैसे बर्तन धोने वाले शॉप, नैपकिन, कूड़ा फेंकने वाली पॉलिथिन के पैसे आप घर की रद्दी चीजें, बॉक्स या अखबार बेचकर खरीद सकती हैं.