इन चीजों से कंट्रोल करें बच्चों के उल्टी, दस्त और बुखार

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इस मौसम में अक्सर बच्चे, बड़ों को उल्टी, दस्त, बुखार और बार-बार पेशाब लगने जैसी बीमारियां हो जाती हैं. बच्चों की उम्र कम होने से उन्हें गोली, दवा या इंजेक्शन देने से बेहतर है कुछ घरेलू नुस्खे अपनाने चाहिए. इससे बच्चों की सेहत में जल्दी से सुधार हो जाता है. अब भी ज्यादातर लोग आयुर्वेद पद्धति से इलाज को मानते और अपनाते हैं. आइए कुछ ऐसे घरेलू नुस्खों के बारे में जानते हैं जिन्हें दादी-नानी हमेशा अपनाती थीं.

विधि

इस मौसम में अक्सर बच्चे, बड़ों को उल्टी, दस्त, बुखार और बार-बार पेशाब लगने जैसी बीमारियां हो जाती हैं. बच्चों की उम्र कम होने से उन्हें गोली, दवा या इंजेक्शन देने से बेहतर है कुछ घरेलू नुस्खे अपनाने चाहिए. इससे बच्चों की सेहत में जल्दी से सुधार हो जाता है. अब भी ज्यादातर लोग आयुर्वेद पद्धति से इलाज को मानते और अपनाते हैं. आइए कुछ ऐसे घरेलू नुस्खों के बारे में जानते हैं जिन्हें दादी-नानी हमेशा अपनाती थीं.

कम उम्र के बच्चों में दस्त की बीमारी हो ही जाती है. इससे पीछे उसका खान-पान या मां के खान-पान पर निर्भर करता है. ऐसे में बच्चों को कुछ चीजें खिलाने से इससे उन्हें आराम मिल सकता है. जैसे-
- अदरक का रस बच्चे की नाभि के आसपास लगाने से दस्त में आराम मिलता है.
- मिश्री और अमरूद खाने से भी आराम मिलता है. अगर बच्चा बहुत छोटा है तो यह नुस्खा मां को अपनाना चाहिए. क्योंकि बच्चे का मां का दूध ही मुख्य आहार है.
- कच्चा पपीता उबाल कर खाने से दस्त में आराम मिलता है. बच्चा अगर एक साल से ज्यादा है तो उसे चम्मच से थोड़ा-थोड़ा करके दिन में 2-3 बार ऐसा करें.
- अगर बच्चा मां के दूध पर निर्भर है तो मां को चाहिए कि खाना खाने के बाद एक कप लस्सी में एक चुटकी भुना जीरा और काला नमक डाल कर पीए इसके बाद बच्चे को स्तनपान कराना चाहिए.

बार-बार पेशाब करने की परेशानी में-
- अगर ये परेशानी बड़े उम्र के बच्चों में है तो सुबह-शाम गुड़ और तिल से बना एक-एक लड्डू खाना खिलाना चाहिए. अगर ये समस्या बड़ी उम्र के लोगों में है तो यह नुस्खा उन्हें भी फायदा पहुंचा सकता है.
- शाम के समय काले भुने हुए चने छिलका सहित खाएं और एक छोटा सा टुकड़ा गुड़ का खाकर पानी पी लें. बिस्तर पर पेशाब करने की समस्या से बहुत छुटकारा मिल सकता है.

उल्टी होने पर-
- तुलसी के रस में बराबर मात्रा में शहद मिलाकर चाटने से उल्टी बंद हो जाती है. अगर बच्चा एक साल से ऊपर का है तो उसे भी यह खिलाया जा सकता है.
- उल्दी होने पर दो चम्मच शहद में बराबर मात्रा में प्याज का रस मिलाकर चाटने से इससे राहत मिलती है. अगर बच्चा मां के दूध पर निर्भर है तो ये दवा उसे न दें.
- दिन में 5-6 बार एक-एक चम्मच पुदीने का रस पीने से उल्टी बंद हो जाती है.

बच्चों को सर्दी या बुखार हो जाए तो-
- 2-3 तुलसी के पत्ते और छोटा-सा टुकड़ा अदरक को सिलबट्टे पर पीस कर मलमल के कपड़े की सहायता से रस निकाल कर एक चम्मच शहद मिला कर दिन में 2-3 बार चाटने सर्दी में आराम मिलता है.
- लौंग को पानी की बूंदों की सहायता से रगड़कर उसका पेस्ट माथे पर और नाभि पर लगाने से सर्दी या बुखार में आराम मिलता है.
- एक कप पानी में 4-5 तुलसी के पत्ते और एक टुकड़ा अदरक डालकर उबाल लें. पानी की आधी मात्रा रह जाने पर उसमें एक चम्मच गुड़ डालकर दिन में 2 बार देने से सर्दी-बुखार में आराम मिलता है.
- तेज बुखार को उतारने के लिए दूध की पट्टी का सहारा लेना चाहिए. इसके एक कटोरी में आधा कप दूध में इतना ही पानी मिला लें. एक साफ कपड़े, रूमाल या रूई की पट्टी को इसमें डुबोकर रखें, हल्का निचोड़कर बुखार से पीड़ित बच्चे या व्यक्ति के माथे पर इसे रखें. 2-3 मिनट के अंतराल में पट्टी को फिर से दूध में डुबोकर रखें. 15 मिनट तक पट्टी रखने से बुखार जल्दी उतर जाता है.