ये है पंजीरी और पंचामृत बनाने का सही तरीका

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सत्यनारायण भगवान की पूजा का खास महत्व होता है. मान्यता है कि हर महीने की पूर्णिमा को सत्यनारायण की पूजा करने का विधान है. अगर आप सत्यनारायण का व्रत रख रहे हैं तो ये दो भोग भगवान को अवश्य चढ़ाएं.

विधि

सत्यनारायण भगवान की पूजा का खास महत्व होता है. मान्यता है कि हर महीने की पूर्णिमा को सत्यनारायण की पूजा करने का विधान है. अगर आप सत्यनारायण का व्रत रख रहे हैं तो ये दो भोग भगवान को अवश्य चढ़ाएं.
सत्यनारायण की पूजा पंचामृत और पंजीरी के बिना अधूरी है. तो अगर आप व्रत हैं तो ये भोग और प्रसाद चढ़ाकर भगवान को प्रसन्न कर मनचाहा फल पा सकते हैं. पंचामृत बनाने के बारे में पं. शैलेंद्र पांडेय ने बताया है. उनके अनुसार पंचामृत बनाने के लिए ये मुख्य 5 चीजें चाहिए होती हैं. जबकि तुलसी और गंगाजल अलग से डाला जाता है.
एक कप दूध
आधा कप दही
1 बड़ा चम्मच शहद
1 चीनी/मिश्री
1 छोटा चम्मच घी
इसके अलावा इसमें गंगाजल और तुलसी के पत्ते
- दूध को एक बड़े बर्तन में डालें और इसमें दही, शहद, गंगा जल व तुलसी पत्ते डालकर मिला लें.
- लीजिए तैयार हो गया पंचामृत.

पंजीरी बनाने के लिए
एक कटोरी गेहूं का आटा
आधा कटोरी चीनी/ गुड़
ड्राईफ्रूट्स इच्छानुसार
कड़ाही या पैन
8-10 तुलसी दल/पत्ते
- मीडियम आंच पर कड़ाही में आटा डालकर 5-10 मिनट तक चलाते हुए भून लें.
- फिर आंच बंद करके इसे ठंडा कर लें.
- भूने आटे को एक कटोरी में निकाल लें फिर इसमें चीनी और तुलसी के पत्ते मिला लें. (आप चाहें तो गुड़ भी टुकड़ों में तोड़कर डाल सकते हैं.)
- इन तीन चीजों से पंजीरी बनती है. आप चाहें तो इसमें मनपसंद ड्राईफ्रूट्स डाल सकते हैं.
भगवान सत्यनारायण की कथा सुनने के बाद पंचामृत और पंजीरी का भोग लगा दें. इसके बाद यह प्रसाद भक्तों में बांट दें.

(इस बार कृष्ण को चढ़ाएं खजूर के लड्डू का प्रसाद)