जानिए शिव को चढ़ाएं जाने वाले प्रसाद का महत्व

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देवों के देव कहे जाने वाले भगवान शिव, जिसे अनेक नामों से जाना जाता हैं. कई लोग इन्हें शंकर, भोले, भोलेनाथ जैसे नाम से इनकी उपासना करते है. कहा जाता है कि शिव अपने भक्तों पर बहुत जल्दी प्रसन्न हो जाते हैं. मगर वे जितनी जल्दी प्रसन्न होते हैं उतनी ही जल्दी वे भक्तों पर नाराज हो कर उन्हें श्राप भी दे देते हैं.  शिव की उपासना करने वाले भक्तों के लिए शिवरात्रि सबसे बड़ा पर्व होता है. तो आइए आज हम आपको बताते हैं कि इस शिवरात्रि शिवजी को क्या चढ़ाएं जिससे कि आपकी साभी मनोकामनाएं पूर्ण हो जाएं.

विधि

देवों के देव कहे जाने वाले भगवान शिव, जिसे अनेक नामों से जाना जाता हैं. कई लोग इन्हें शंकर, भोले, भोलेनाथ जैसे नाम से इनकी उपासना करते है. कहा जाता है कि शिव अपने भक्तों पर बहुत जल्दी प्रसन्न हो जाते हैं. मगर वे जितनी जल्दी प्रसन्न होते हैं उतनी ही जल्दी वे भक्तों पर नाराज हो कर उन्हें श्राप भी दे देते हैं. शिव की उपासना करने वाले भक्तों के लिए शिवरात्रि सबसे बड़ा पर्व होता है. तो आइए आज हम आपको बताते हैं कि इस शिवरात्रि शिवजी को क्या चढ़ाएं जिससे कि आपकी साभी मनोकामनाएं पूर्ण हो जाएं.

बेलपत्र
बेलपत्र (बिल्वपत्र) शिव की सबसे प्रिय होती है. तीन पत्तों वाला बेलपत्र (जो की कटा-फटा न हो), भगवान शिव को चढ़ाएं.  बेलपत्र को (ब्रह्मा, विष्णु, महेश) का प्रतीक माना जाता है. पुराणों के अनुसार बेलपत्र अर्पित करने से शिवलोक की प्राप्ति होती है. यदि बिल्वपत्र पर चंदन या अष्टगंध से ॐ, शिव पंचाक्षर मंत्र या शिव नाम लिखकर चढ़ाया जाए, तो फलस्वरूप भक्त की दुर्लभ कामनाओं की पूर्ति होती है. ध्यान रहे कि बेलपत्र को चढ़ाने के एक दिन पहले इसे  तोड़ लें.
 ऋषि मुनियों के अनुसार भोले-भंडारी को बेलपत्र बढ़ाना 1 करोड़ कन्याओं के कन्यादान के समान माना जाता है.

भांग
भगवान श‌िव को भांग बेहद प्र‌िय है. श‌िवरात्र‌ि के अवसर पर भांग के पत्ते या भांग को पीसकर दूध या जल में घोलकर भगवान श‌िव का अभ‌िषेक करें तो रोग दोष से मुक्त‌ि म‌िलती है.

 धतूरा
धतूरा  एक जड़ी बूटी है. भगवान श‌िव के स‌िर पर चढ़े व‌िष के प्रभाव को दूर करने के ल‌िए धतूरा का प्रयोग क‌िया गया था, इसल‌िए श‌िव जी को धतूरा चढ़ाया जाता है और उन्हें प्रिय होता है. महाश‌िवरात्र‌ि के अवसर पर श‌िवल‌िंग पर धतूरा अर्प‌ित करने से लाभ मिलता है. ऐसा माना जाता है कि इससे शत्रुओं का भय दूर होता है. धतूरा के फल के समान धतूरे का फूल भी भगवान शिव को प्रिय है.

गन्ने का रस
गन्ना को मिठास और सुख का प्रतीक माना जाता है. शास्त्रों में इसे बहुत पवित्र माना गया है. ऐसी मान्यता है कि गन्ने के रस से शिवलिंग का अभिषेक करने से धन-धान्य की प्राप्ति होती है.

गंगाजल
गंगा जल से भगवान श‌िव का अभ‌िषेक करने से मानस‌िक शांत‌ि और सुख की प्राप्त‌ि होती है. गंगा भगवान व‌िष्‍णु के चरणों से न‌िकली और भगवान श‌िव की जटा से धरती पर उतरी. इसल‌िए सभी नद‌ियों में गंगा परम पव‌ित्र है। गंगा जल से भगवान श‌िव का अभ‌िषेक करने से मानस‌िक शांत‌ि और सुख की प्राप्त‌ि होती है