श्राद्ध का प्रसाद बनाते समय इन चीजों का रखें विशेष ध्यान

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श्राद्ध पक्ष या पितृ पक्ष शुरू में अनुष्ठान और तर्पण किया जाता है. इस दिन प्रसाद के साथ-साथ कई सारी चीजें भी बनाई जाती हैं और पितरों को अर्पण किया जाता है ताकि पितर प्रसन्न होकर उन्हें आशीर्वाद प्रदान करें. श्राद्ध का प्रसाद बनाते समय सावधानी बरतना बेहद जरूरी होता है.

विधि

श्राद्ध पक्ष या पितृ पक्ष में अनुष्ठान और तर्पण किया जाता है. इस दिन प्रसाद के साथ-साथ कई सारी चीजें भी बनाई जाती हैं और पितरों को अर्पण किया जाता है ताकि पितर प्रसन्न होकर उन्हें आशीर्वाद प्रदान करें. श्राद्ध का प्रसाद बनाते समय सावधानी बरतना बेहद जरूरी होता है.
(इस पकवान के बिना पूरा नहीं होगा श्राद्ध
)

कई बातें ऐसी होती हैं जिनसे पितर नाराज भी हो सकते हैं, ऐसे में शास्त्रों के अनुसार इस दौरान कई बातों का खासतौर पर पालन करना बहुत जरूरी होता है. जानें श्राद्ध का प्रसाद बनाने से जुड़ी कुछ बातों के बारे में.
(जानें पितृ पक्ष में कौन सी चीजें नहीं बनानी चाहिए)

- प्रसाद बनाते समय पूरी शुद्धता बरतना सबसे अहम बात है. हर चीज साफ और स्वच्छ होनी चाहिए.
- प्रसाद बनाने में गंगाजल, दूध, शहद, दही, तिल और कुशा नाम की घास का होना आवश्यक है.
(श्राद्ध पक्ष: ये है ब्राह्मणों को भोजन कराने का सही तरीका
)
- प्रसाद में प्रयोग किया जाने वाला दूध, दही और घी गाय का ही होना चाहिए. इसमें भी विशेष ध्यान देने वाली बात यह है कि उस गाय का बच्चा कम से कम 10 दिन का हो गया हो.
- पिंड बनाने में चावल, जौ और तिल का इस्तेमाल करें. (इस तरह बनाएं श्राद्ध का पिंड)
- भूल से भी किसी भी चीज में प्याज-लहसुन का स्पर्श न हो.
- इस दौरान रसोई में प्याज-लहसुन या कंद वाली सब्जियां बिल्कुल न रखें.
- मांस, मछली, अंडा रसोई में बिल्कुल न लाएं. ऐसा करने से पितर नाराज होते हैं.
(चावल तो कहीं ग्वार, 'श्राद्ध' में बनते हैं ऐसे पकवान
)
- जब बारी ब्राह्मणों को भोजन करवाने की आए तो चांदी की थाली का ही इस्तेमाल करना चाहिए. ऐसा माना जाता है कि चांदी बुराई को काटती है. अगर पूर्वजों को चांदी के बर्तनों में पानी, पिंड और बाकी का खान-पान दिया जाता है तो पूर्वज पूरी तरह से संतुष्ट होते हैं.
- ब्राह्मणों को भोजन दोनों हाथों से ही परोसें. माना जाता है कि ब्राह्मणों के द्वारा पूर्वज ही भोजन ग्रहण करते हैं.