ब्राह्मणों के अलावा इन्हें भी कराएं भोजन, पितर रहेंगे खुश
विधि
पितरों का आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए 16 दिनों के श्राद्ध पक्ष का पालन किया जाता है. इस दौरान न केवल ब्राह्मणों को बल्कि पशु पक्षियों को भी भोजन करवाया जाता है. ऐसा माना जाता है कि पितृ पशु पक्षियों के माध्यम से हमारे पास आते हैं.
आइए पहले हम जानते हैं ब्राह्मणों को भोजन करवाने का तरीका.
शास्त्रों में ब्राह्मणों को धरती के मनुष्य और पितृ लोक में निवास कर रहे परिजनों के बीच का सेतु कहा गया है. श्राद्ध में ब्राह्मणों को भोजन चांदी के बर्तनों में करवाया जाना चाहिए. चांदी के बर्तन में पिंड या पानी रखकर देने से वे संतुष्ट होते हैं. ब्राह्मणों को भोजन परोसते समय दोनों हाथों से भोजन परोसना चाहिए.
अगर एक हाथ से भोजन परोसा जाए तो पितर उसे ग्रहण नहीं करते हैं. ब्राह्मणों को भोजन करवाते समय पूरी शांति का होना बेहद जरूरी है क्योंकि कहा जाता है कि ब्राह्मणों के जरिए पितर ही भोजन ग्रहण करते हैं.
(चावल तो कहीं ग्वार, 'श्राद्ध' में बनते हैं ऐसे पकवान)
अब हम आपको बताते हैं ब्राह्मणों के अलावा किन्हें करवाना चाहिए भोजन.
- देवताओं, निशक्तों और गरीबों को भोजन करवाना चाहिए.
- श्राद्ध के दौरान कोई भिखारी आ जाए तो इससे अच्छी बात और कोई नहीं हो सकती. (इस तरह बनाएं श्राद्ध का पिंड)
- पशु पक्षियों में गाय, कुत्ता, कौवा और चींटी को भोजन करवाना चाहिए.
- गाय, कुत्ता, चींटी और देवताओं को पत्ते पर और कौवे को मुख्यतः भूमि पर खाना रखकर दिया जाता है.
(जानें पितृ पक्ष में कौन सी चीजें नहीं बनानी चाहिए)
- श्राद्ध में खीर सबसे जरूरी बनानी चाहिए. (इस पकवान के बिना पूरा नहीं होगा श्राद्ध)
- खीर के अलावा पूर्वजों की हर पसंदीदा चीज भी बनाएं.
- श्राद्ध पूजन के बाद ब्राह्मणों को यथाशक्ति दान-दक्षिणा, वस्त्र दान भी जरूर करें.