जानिए पितृ पक्ष में क्या है काले तिल और जौ का महत्व?

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पितरों को प्रसन्न करने के लिए और उनका आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए पितृ पक्ष का पालन किया जाता है. पितरों के खुश और सुखी रहने से परिवार में सुख-समृद्धि बनी रहती है.

विधि

पितरों को प्रसन्न करने के लिए और उनका आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए पितृ पक्ष का पालन किया जाता है. पितरों के खुश और सुखी रहने से परिवार में हमेशा सुख-समृद्धि बनी रहती है.
(इस पकवान के बिना पूरा नहीं होगा श्राद्ध
)

कहते हैं जौ और तिल इन दो चीजों के बिना किया गया श्राद्ध पितरों को प्राप्त नहीं होता है. शास्त्रों के अनुसार काला तिल भगवान विष्णु को अति प्रिय है और इसे देव अन्न कहा जाता है. इसी वजह से यह पितरों को भी बेहद प्रिय है.
(श्राद्ध का प्रसाद बनाते समय इन चीजों का रखें विशेष ध्यान
)

जौ और तिल पितरों को पसंद होने की वजह से पिंड बनाने में इसका जौ, तिल का सर्वाधिक प्रयोग किया जाता है. जौ और तिल को अच्छे से धोकर पूजन विधि में इसका इस्तेमाल किया जाता है. इनके साथ-साथ कुश (घास) का भी प्रयोग किया जाता है. ये सब चीजें पवित्र मानी जाती हैं और बुरी शक्तियों को दूर रखती हैं.
(चावल तो कहीं ग्वार, 'श्राद्ध' में बनते हैं ऐसे पकवान
)‌

बिना तिल छिड़के श्राद्ध पूजन की शुरूआत नहीं की जाती है. ऐसा करने से पूजन का कोई फायदा तो नहीं होता है, उल्टा दुष्प्रभाव ही पड़ता है.