जानें श्राद्ध पक्ष में किन पकवानों से किया जाता है तर्पण
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पितृ पक्ष या श्राद्ध पक्ष को पितृ विसर्जन भी कहा जाता है. इस दिन पितरों को खीर, पूरी और मीठे पकवानों का भोग लगाकर तर्पण किया जाता है.
विधि
पितृ पक्ष या श्राद्ध पक्ष को पितृ विसर्जन भी कहा जाता है. इस दिन पितरों को खीर, पूरी और मीठे पकवानों का भोग लगाकर तर्पण किया जाता है. ऐसी मान्यता है कि पितृपक्ष के दौरान हमारे पितृ धरती पर उतरते हैं और हमारे साथ रहते हैं. वे खुश होकर हमें आशीष देते हैं और हमारे कष्टों को दूर करते हैं.आश्विन मास के कृष्णपक्ष की अमावस्या को पितरों की विदाई यानी कि सर्व पितृ विसर्जन के रूप में भी जाना जाता है. इस अमावस्या को पितृ पक्ष का समापन पर्व के रूप में भी जाना जाता है. ऐसे में जो लोग पूरे पितृ पक्ष में किसी परेशानी या किसी अन्य कारण से पितरों को याद नहीं कर पाए. वे इस अमावस्या पर श्राद्ध, तर्पण और पिंडदान कर सकते हैं.
एक मान्यता यह भी कि इस समय भारत में नई फसलों का पकना भी शुरू हो जाता है. इसलिए पूर्वजों के प्रति सम्मान और आभार प्रकट करने के प्रतीक रूप में, सबसे पहला अन्न उन्हें पिंड के रूप में भेंट करने की प्रथा रही है. भोजन में उड़द की दाल, खीर और केले रखें. भोजन के बाद व्यक्ति को पीले वस्त्र और धन, दक्षिणा के रूप में देने से पितृ विसर्जन पूर्ण हो जाता है.