जानिए क्या है राजसिक, तामसिक और सात्विक भोजन में अंतर

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खाना तो हर कोई खाता है, पर क्या आप जानते हैं कि आखिर आपका खान-पान है कैसा? आयुर्वेद और योग शास्त्र में मुख्यत: तीन तरह के खान-पान के बारे में बताया गया है. पहला राजसिक, दूसरा तामसिक और तीसरा सात्विक. आइए हम आपको बताते हैं इन तीनों तरह का खान-पान कैसा होता है, क्या होता है इनमें शामिल.

विधि

खाना तो हर कोई खाता है, पर क्या आप जानते हैं कि आखिर आपका खान-पान है कैसा? आयुर्वेद और योग शास्त्र में मुख्यत: तीन तरह के खान-पान के बारे में बताया गया है. पहला राजसिक, दूसरा तामसिक और तीसरा सात्विक. आइए जानते हैं तीनों तरह का खान-पान कैसा होता है, क्या-क्या इसमें खाया जाता है. किन-किन चीजों का परहेज रखा जाता है.

राजसिक भोजन:
राजसिक भोजन की श्रेणी में नमकीन और मसालेदार भोजन शामिल है. इनके अलावा इसमें कड़वी और सूखी चीजें भी आती हैं. ऐसा खान-पान मनुष्य के दिमाग को उत्तेजित करते हैं.

तामसिक भोजन:
प्याज , लहसुन, तंबाकू, मांस, शराब, जरूरत से ज्यादा पकी हुई चीजें, खमीर उठी हुई चीजें तामसिक भोजन में शामिल होती हैं.

सात्विक भोजन:
आयुर्वेद और योग शास्त्र के अनुसार सात्विक भोजन को सबसे अच्छा और शुद्ध माना गया है. इसे योग करने वालों के लिए सबसे उत्तम माना गया है. यह शरीर को पोषण देता है और दिमाग की शांति बनाए रखता है. ऐसा भोजन करने से कार्य करने की क्षमता का विकास होता है.

सात्विक भोजन में शामिल होती हैं ये सारी चीजें:
- ब्रेड/साबुत अनाज
- फल और सब्जियां
- फलों का जूस
- दूध
- मक्खन और चीज
- नट्स
- स्प्राउट्स
- शहद
- हर्बल चाय
- बिना प्याज, लहसुन वाली दाल-सब्जियां