क्या होता है सात्विक भोजन, क्यों व्रत में इसे खाया जाता है?

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सात्विक भोजन तन और मन दोनों के लिए अच्छा माना गया है. व्रत के दौरान व्रतधारी सात्विक भोजन करना पसंद करते हैं. सात्विक भोजन वह भोजन होता है जो आसानी से पचे और विकार न पैदा करे. इसीलिए व्रत में व्रतधारी सात्विक भोजन करते हैं.

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सात्विक भोजन तन और मन दोनों के लिए अच्छा माना गया है. व्रत के दौरान व्रतधारी सात्विक भोजन करना पसंद करते हैं. सात्विक भोजन वह भोजन होता है जो आसानी से पचे और विकार न पैदा करे. इसीलिए व्रत में व्रतधारी सात्विक भोजन करते हैं.

क्या महत्व है सात्विक भोजन
ऐसा माना जाता है कि सात्विक भोजन करने से मन एकाग्रचित्त होता है. ऐसा भोजन करने से मन को वश में करने की शक्ति मिलती है. सात्विक आहार की तुलना प्राण के साथ की गई है. बहुत से लोगों का मानना है कि तामसिक और राजसिक भोजन सात्विक भोजन से ज्यादा शक्तिवर्धक होते हैं, लेकिन वास्तविकता ये है कि ये केवल शरीरवर्धक, हष्ट-पुष्ट रखने में सहायक होते हैं जबकि सात्विक भोजन शरीर को पूरी तरह ऊर्जावान बनाए रखता है. इसे अपनाने से शरीर रोगमुक्त रहता है.

आयुर्वेद और शास्त्रों में क्या कहा गया है इसे
आयुर्वेद और योग शास्त्र के अनुसार सात्विक भोजन को सबसे अच्छा और शुद्ध माना गया है. इसे योग करने वालों के लिए सबसे उत्तम माना गया है. यह शरीर को पोषण देता है और दिमाग की शांति बनाए रखता है. ऐसा भोजन करने से कार्य करने की क्षमता का विकास होता है.