दुनिया की सबसे बड़ी रसोई कहां है, रोजाना कितने अनाज से बनता है खाना?

गुरुद्वारों में लंगर खाना किसी पुण्य से कम नहीं माना जाता है. गुरुद्वारे ही हैं जहां पर बिना किसी भेद-भाव और पैसे को एक भाव से लोगों को लंगर प्रसाद खिलाते हैं. हर गुरुद्वारे में लंगर की अलग-अलग व्यवस्था होती है. जहां 18 घंटे लंगर प्रसाद बनता है, कहीं-कहीं तो 24 घंटे भी लंगर प्रसाद देने की परंपरा है. इनकी रसोई में सभी धर्मों के लोग समान रूप से सेवा करते हैं. हम ऐसी एक रसोई के बारे में आज बता रहे हैं जिसे दुनिया की सबसे बड़ी चालू रसोई कहा जाता है.