ग्वालियर की हर दुकान से उनकी यादें जुड़ी हुई हैं. बहादुरा के लड्डू उन्हें इसलिए भी पसंद थे क्योंकि वे ग्वालियर शहर के शिंदे की छावनी में जन्मे और वहीं पले-बढ़े.