गंगा स्नान, बाबा विश्वनाथ के दर्शन के बाद बनारस में यहां जाएं

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बनारस कहिए या वाराणसी या फिर बाबा भोलेनाथ की नगरी, जो भी कहें, लेकिन यह शहर ऐसा है जो यहां जाता है तर होकर ही आता है. इसके पीछे गंगा में स्नान, काशी विश्वनाथ के दर्शन और यहां का खान-पान है. जिस तरह से इंदौर का सर्राफा बाजार रात को खुलता है अलसुबह तक लोग यहां स्वाद के चटकारे लेते हैं, उसी तरह से बनारस में भोर से ही मीठे-नमकीन पकवान बनने लगते हैं.
बनारस कहिए या वाराणसी या फिर बाबा भोलेनाथ की नगरी, जो भी कहें, लेकिन यह शहर ऐसा है जो यहां जाता है तर होकर ही आता है. इसके पीछे गंगा में स्नान, काशी विश्वनाथ के दर्शन और यहां का खान-पान है. जिस तरह से इंदौर का सर्राफा बाजार रात को खुलता है अलसुबह तक लोग यहां स्वाद के चटकारे लेते हैं, उसी तरह से बनारस में भोर से ही मीठे-नमकीन पकवान बनने लगते हैं.

मोहल्ला अस्सी हो या रांझणा जैसी फि‍ल्मों में आपने बनारस को देखा है. मोदी के रोड शो में भी भव्य बनारस दिखता है, लेकिन एक और खास चीज है जो लोगों को बनारस से जोड़ती है वो यहां का चटपटा, मीठा खान-पान. साहित्य, धर्म और संस्कृति की राजधानी काशी में खान-पान भी एक संस्कार है जो जागने से शुरू होता है और सोने तक परंपरा का निर्वहन कराता है. अगर खाने-पीने के शौकीन हैं तो आपको बनारस की इन जगहों पर जरूर जाना चाहिए और अगर खाने के दीवाने नहीं भी हैं तो भी जाइए. यकीन मानिए खाकर तर जाएंगे.

खान-पान की शुरुआत होते है शीतल पेय से, लेकिन आपको शीतल पेय की जगह पहलवान की लस्सी का स्वाद जरूर लेना चाहिए. मालवीय चौक पर लंका के पास आपको पहलवान लस्सी की दुकान दिख जाएगी. यहां ठंडई, लस्सी और भांग वाली लस्सी का स्वाद लिया जा सकता है.

लंका से गोदोलिया चौक की ओर बढ़ेंगे तो आपको बाएं हाथ पर क्षीर सागर की मिठाई की दुकान मिलेगी. यहां की छेना की मिठाई काफी फेमस हैं. वैसे मजेदार लस्सी चौक की कुछ दुकानों पर भी मिलती है. अगर परबल की मिठाई का स्वाद चखना है तो राजबंधु के यहां जा सकते हैं. इनकी मिठाइयां लोग दूर-दराज तक ले जाते हैं.

अगर चटपटे खाने के शौकीन हैं तो आपको चौक पर काशी चाट भंडार और केसरी की टमाटर का स्वाद जरूर लेना चाहिए. केसरी के यहां गुलाब जामुन भी गजब के रसीले और स्वादिष्ट होते हैं. मैदागिन की चाट भी एक बार ट्राई करना चाहिए. अगर खस्ता कचौड़ी खाना हो तो झुल्लन की कचौड़ी, मणिकर्णिका फाटक की कचौड़ी और खस्ता खाना चाहिए.

बनारस में अगर मस्त ठंडाई चाहिए तो बांस फाटक की ओर रुख कर सकते हैं. मिश्राम्बू का शर्बत अगर पी लेंगे तो जब भी बनारस जाएंगे इनके यहां दोबारा जरूर जाएंगे.

बनारस में एक खास तरह की मिठाई मिलती है मलाई गलौटी. और इसका जायका आपको राम स्वीट्स के यहां मिल जाएगा. साउथ इंडियन खाना चाहते हैं दशाश्वमेध की ओर जा सकते हैं. अगर थाली खाना चाहते हैं उसका एक और बढ़िया ठिकाना मारवाड़ी धर्मशाला है. इन सब चीजों को चखने के बाद केशव के यहां का पान का बीड़ा मुंह में दबाइए बाबा विश्वनाथ का जयकारा लगाते हुए घर की ओर आइए. इन सब दुकानों का एड्रेस बताना इतना जरूरी नहीं क्योंकि जब आप बनारस जाएंगे इन चीजों की महक अपने आप आने लगेगी और लोग आपको खुद इन जगहों के पते बताएंगे.