फलाहारी गुलाब जामुन बनाने की विधि

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व्रत में कई सारी चीजें खाने की मनाही होती है. ऐसे में मनपसंद मिठाई खाने का मन करे तो क्या कर सकते हैं. गुलाब जामुन एक ऐसी ही मिठाई जिसे देखते ही मुंह में पानी आ जाता है. तो पकवानगली आपके लिए लेकर आया फलाहारी गुलाब जामुन की रेसिपी. इन गुलाब जामुन को व्रत के दौरान भी स्वीट के रूप में खाया जा सकता है.

एक नज़र

  • रेसिपी क्विज़ीन : इंडियन
  • कितने लोगों के लिए : 2 - 4
  • समय : 15 से 30 मिनट
  • मील टाइप : वेज

आवश्यक सामग्री

    250 ग्राम मावा/खोया
    4 टेबलस्पून सिंघाड़े का आटा
    5-6 काजू
    5-6 पिस्ता
    1/2 टीस्पून इलायची पाउडर
    तलने के लिए घी
    500 ग्राम शक्कर
    1/4 टीस्पून बेकिंग पाउडर
    जरूरत के अनुसार पानी
    1 टेबलस्पून चीनी पाउडर
    कड़ाही

विधि

- फलाहारी गुलाब जामुन बनाने के लिए सबसे पहले हम चाशनी बनाएंगे.
- इसके लिए कड़ाही में शक्कर और सवा 1 कप पानी डालकर मीडियम आंच पर रख दें.
- गुलाब जामुन के लिए तीन तार की चाशनी बनानी होगी.
- 10-12 मिनट में चाशनी पक जाएगी, तब इसमें इलायची पाउडर डालकर मिला लें और आंच से उतार लें. चाशनी परफेक्ट बनी है या नहीं जांचने के लिए एक बूंद लेकर उंगली और अंगूठे के बीच चिपकाकर देखें. अगर मोटा तार बन रहा है तो समझिए चाशनी बन चुकी है. अगर नहीं तो कुछ देर और पका लें.
- एक पैन में मावा डालकर 2-3 मिनट तक चलाते हुए नरम कर लें.
- आंच से उतार हल्का ठंडा कर लें. फिर इसमें सिंघाड़े का आटा और बेकिंग पाउडर छानकर मिला लें.
- अच्छी तरह मिलाते हुए मुलायम कर लें. 4-5 चम्मच मावा एक अलग बर्तन में निकाल लें. इससे हम स्टफिंग में इस्तेमाल करेंगे.
- स्टफिंग बनाने के लिए इस निकाले गए मावे में बारीक कटे, काजू, पिस्ता और पिसी शक्कर मिला लें.
- बचे हुए मावे एक फिर से मसल लें और इसकी नींबू के आकार की बरबार लोइयां बना लें.
- एक लोई लेकर इसे चिपटा करें और बीच में थोड़ा-सा स्टफिंग रखकर चारों तरफ से दबाते हुए गोल करें.
- अच्छी तरह से गोल कर लें ताकि यह फटे नहीं.
- इसी तरीके से सारी लोइयां तैयार कर लें.
- एक दूसरी कड़ाही में घी डालकर मीडियम आंच पर गर्म करें.
- घी में एक बार में 5-6 कच्ची लोइयां डालकर गुलाब जामुन को सुनहरा होने तक लें.
- तले हुए गुलाब जामुन को चाशनी में डालते जाएं.
- इसी तरीके से बाकी लोइयां तल लें और चाशनी में डाल लें.
- आधा घंटे तक चाशनी में रखने के बाद खाएं-खिलाएं.