मोदी ने जिस धारवाड़ के पेड़े का किया जिक्र, ये है बनाने का तरीका
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उत्तरी कर्नाटक के एक छोटे से शहर धारवाड़ में खास तरह के पेड़े बनते हैं. जोकि कर्नाटक के साथ ही पड़ोसी राज्यों में भी फेमस है. इस त्योहार के समय कर्नाटक में जरूर बनाया जाता है. साथ ही इस पेड़े का इतिहास भी 150 से ज्यादा का है.
एक नज़र
- रेसिपी क्विज़ीन : इंडियन
- कितने लोगों के लिए : 4 - 6
- समय : 30 मिनट से 1 घंटा
- मील टाइप : वेज
आवश्यक सामग्री
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2 कप खोया/मावा (कद्दूकस किया हुआ)
डेढ़ कप चीनी
आधी कटोरी चीनी बूरा
एक कप देसी घी
3 बड़ा चम्मच दूध
7-8 हरी इलायची का पाउडर
एक कड़ाही
विधि
- सबसे पहले चीनी को पीसकर पाउडर बना लें. आप चाहें तो चीनी बूरा का भी इस्तेमाल कर सकते हैं.- मीडियम आंच में कड़ाही में घी डालकर गरम होने के लिए रखें.
- जब घी अच्छी तरह से गरम हो जाए तो इसमें खोया डालकर चलाते हुए भूनें.
(कठियावाड़ी भरवां प्याज बनाने की एकदम सरल विधि )
- जब खोया हल्के भूले रंग का हो जाए तो इसमें इलायची और चीनी बूरा डालकर अच्छी तरह मिलाते हुए भूनें.
- फिर इसमें दूध डालें और 8-10 मिनट तक चलाते हुए गाढ़ा होने तक भूनते जाएं.
(इस तरीके से भूनें मावा, बनेगी बढ़िया और टेस्टी गुझिया)
- मिश्रण के गाढ़ा होते ही आंच बंद कर दें और हल्का ठंडा होने दें.
- एक थाली में आधी कटोरी चीनी बूरा डालकर फैला लें.
(रसगुल्ला किसका? ओडिशा का या पश्चिम बंगाल का )
- खोया के मिश्रण से छोटी-छोटी लोइयां तोड़कर पेड़े का आकार देते हुए चीनी बूरा वाली थाली में रखते जाएं.
- जब मिश्रण से सारे पेड़े बन जाएं तो इन्हें अच्छी से चीनी बूरा में रोल कर लें.
- धारवाड़ के टेस्टी पेड़े रेडी हैं. इन पेड़ों को एक हफ्ते तक स्टोर करके रखा जा सकता है.