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    कहीं आप भी तो मिलावटी जहरीला दूध नहीं पी रहे...?

    विधि

    फूड रेगुलेटर एफएसएसएआई (FSSAI) के सर्वे से यह बात सामने आई है कि दक्षिण भारत के मुकाबले उत्तर भारत के राज्यों में दूध में ज्यादा मिलावट पाई जा रही है. एफएसएसएआई के चेयरमैन आशीष बहुगुणा ने केंद्रीय उपभोक्ता सुरक्षा परिषद की बैठक में यह जानकारी दी है.

    बहुगुणा के मुताबिक सही आकड़ों के लिए एक और सर्वे होगा. इसके बाद मिलावट करने वाली जगहों पर खास ध्यान दिया जाएगा. दूध की क्वॉलिटी जांचने के लिए फूड रेगुलेटर ने एक किट भी तैयार की है जो 15 से 20 रुपए में मार्केट में मिलेगी. अभियान को सफल बनाने के लिए एफएसएसएआई निवेशकों से बात भी कर रही है.

    पकवानगली बता रहा है कुछ ऐसे टिप्स जिन्हें अपनाकर आप असली या नकली दूध में फर्क आसानी से जान सकते हैं.

    - सिंथेटिक दूध की पहचान करने के लिए उसे सूंघें. अगर साबुन जैसी गंध आ रही है तो इसका मतलब है कि दूध सिंथेटिक है जबकि असली दूध में कुछ खास गंध नहीं आती. (असली पनीर पहचानने का बेस्ट तरीका )
    - असली दूध का स्वाद हल्का मीठा होता है, जबकि नकली दूध का स्वाद डिटर्जेंट और सोडा मिला होने की वजह से कड़वा लगता है.
    - असली दूध स्टोर करने पर अपना रंग नहीं बदलता, जबकि नकली दूध कुछ वक्त के बाद पीला पड़ने लगता है.
     - अगर असली दूध को उबालें तो इसका रंग नहीं बदलता, वहीं नकली दूध उबालने पर पीले रंग का हो जाता है.
    (सब्जी में पनीर को सॉफ्ट रखने के टिप्स )
    - दूध में पानी की मिलावट की जांच करने के लिए किसी चिकनी लकड़ी या पत्थर की सतह पर दूध की एक या दो बूंद टपकाकर देखें. अगर दूध बहता हुआ नीचे की तरफ गिरे और सफेद धार सा निशान बन जाए तो दूध शुद्ध है.
    - असली दूध को हाथों के बीच रगड़ने पर कोई चिकनाहट महसूस नहीं होती. वहीं, नकली दूध को अगर आप अपने हाथों के बीच रगड़ेंगे तो आपको डिटर्जेंट जैसी चिकनाहट महसूस होगी.
    (फटे दूध के पानी को फेकें नहीं, कुकिंग में बड़े काम का है यह पानी)
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