इंदौर के गुलाब जामुन से लेकर चायनीज फूड तक की शौकीन हैं लता ताई

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सुर सम्राज्ञी लता मंगेशकर गाना गाना जितना पसंद करती हैं उससे कहीं जाता वो खाना बनाने और खिलाने की भी शौकीन हैं. गायकी में करियर शुरू करते वक्त किसी ने उनसे कहा दिया था कि मिर्च खाने से आवाज ज्यादा सुरीली होती है. तब लता जी दिन में 10-12 मिर्च खा लेती थीं. लता ताई ने जिस सुरीली आवाज से देश को खुशी, गम, आंसू, प्रेम सहित तमाम भावनाओं की अनुभूति करवाई, उस आवाज के प्रति शुरुआत में वे बहुत बेफिक्र भी रही हैं.
सुर सम्राज्ञी लता मंगेशकर गाना गाना जितना पसंद करती हैं उससे कहीं जाता वो खाना बनाने और खिलाने की भी शौकीन रही हैं. उनके गायकी में करियर शुरू करते वक्त किसी ने उनसे कहा दिया था कि मिर्च खाने से आवाज ज्यादा सुरीली होती है. तब लता जी दिन में 10-12 मिर्च खा लेती थीं. लता ताई ने जिस सुरीली आवाज से देश को खुशी, गम, आंसू, प्रेम सहित तमाम भावनाओं की अनुभूति करवाई, उस आवाज के प्रति शुरुआत में वे बहुत बेफिक्र भी रही हैं.

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शुरुआती दिनों में उनके मसालेदार खाने के शौक को लेकर अक्सर उनके शुभचिंतक और म्यूजिक डायरेक्टर्स उन्हें खूब कहते कि खट्टा मत खाया कर, तीखा मत चखा कर, ये मत किया कर, वो मत पिया कर, लेकिन लताजी थीं कि सारी चीजें खूब मजे से खाती थीं. वे खाने-पीने को लेकर कभी कोई परहेज नहीं किया करती थीं. 

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यतींद्र मिश्र ने अपनी किताब लता सुर-गाथा में लता जी के जीवन को संजीदगी से उकेरा है. उन्होंने लता के बारे में हर वो चीज लिखी, जिसे लता ताई के हर एक फैन को जानना चाहिए. लता के खान-पान का भी उन्होंने अपनी किताब में जिक्र किया कि, लता जी को जलेबी कुछ ज्यादा ही पसंद है, अगर वह कड़क हो और बहुत केसर के साथ परोसी जाए.
इतना ही नहीं लता ताई को इंदौर का गुलाब जामुन और दही बड़े बहुत पसंद हैं. गोवन फिश करी और समुद्री झींगे को वह कभी न कह ही नहीं सकती. खाने-पीने की शौकीन लता जी एक कुशल गृहिणी हैं. वो सूजी का हलवा जितना उम्दा बनाती हैं उतना ही लजीज चिकन पसंदा भी स्वादिष्ट बनाती हैं. वो समोसे की शौकीन हैं और उन्हें भारत में प्रचलित आलू और मटर वाले समोसे नहीं, कीमा भरे समोसे पसंद हैं, ये मोमोज जैसे होते हैं.
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साठ के दशक में वे मैरीन ड्राइव पर मौजूद गेलॉर्ड रेस्टोरेंट में अक्सर दोपहर का खाना खाने चली जाती थीं. संगीतकार जयकिशन का भी यह सबसे प्रिय रेस्टोरेंट था. लता मंगेशकर कभी बहुत तीखा भी खाती थीं, विशेषकर कोल्हापुर में प्रचलित तीखी मिर्ची वाले स्वाद का खाना. उन्हें पानी पूरी पसंद है. उन्हें नींबू और कैरी का अचार पसंद है. उन्हें मिठाई में शाही टुकड़ा बेहद लाजवाब लगता है और अक्सर ज्वार की रोटी उनकी थाली में शामिल रहती है. देसी लता ताई मैक्सिकन, चाइनीज और फ्रेंच व्यंजनों की शौकीन हैं पर इटैलियन खाना कम पसंद करती हैं. सबसे खास बात यह कि उन्हें सब्जी देखते ही न जाने क्या होने लगता है. यह अलग बात है कि अक्सर सब्जियां भी इसलिए खाती हैं कि वे जरूरी हैं. डॉक्टरों की सख्त हिदायत है कि विटामिन से भरी इन सब्जियों को उन्हें खाते रहना है.