सरसों का तेल शुद्ध है या नहीं, कैसे पहचान करें?

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त्योहारी सीजन में तेल की डिमांड बढ़ जाती है. इससे बहुत सारे पकवान बनते हैं. वहीं सरसों से कुछ ही चीजें बनती हैं, लेकिन गांवों में यह ज्यादातर घरों में इस्तेमाल होता है. वहां तो यह तेल शुद्ध मिलता है, क्योंकि तेल को सीधे पेराया जाता है, लेकिन शहरों और महानगरों में सरसों के तेल में मिलावट भी पाई जाती है. मिलावटी तेल के इस्तेमाल से कई सारी शारीरिक परेशानी हो सकती हैं. इसलिए तेल पहचानने के लिए कुछ घरेलू उपाय भी हैं.

विधि

पहला तरीका तो ये है कि तेल को रासायनिक तरीके से जांचा-परखा जाए. इसके लिए सरसों के तेल की थोड़ी-सी मात्रा लेकर टेस्‍ट ट्यूब में डालें. अब इसमें नाइट्रिक एसिड की कुछ बूंदें डालें. इसे हिलाएं और मिक्‍सचर को 2-3 मिनट के लिए गर्म करें. अगर रंग लाल हो जाता है तो समझ लजिए कि तेल में मिलावट है. लेकिन यह तरीका तो सभी अपना नहीं सकते हैं. क्योंकि इसके लिए टेस्ट ट्यूब और केमेस्ट्री लैब की जरूरत होगी.

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इन तरीकों से पहचान सकते हैं तेल असली या नकली

- सबसे पहली बात सरसों के तेल से बहुत तेज गंध या झांस आती है. इसी से पता चलता है कि तेल असली है.

- तेल की एक दो बूंद हथेलियों पर रगड़ें. तेल आपके हाथ पर रंग छोड़ दे तो समझ लीजिए कि उसमें मिलावट है.

- अगर रंग न छूटे केवल चिकनाई रहे तो समझ लें कि तेल शुद्ध है. रगड़े पर भी तेल से कच्ची घानी यानी सरसों की तेज गंध आएगी.

- एक छोटी कटोरी में सरसों का तेल डालकर फ्रिज में रखें. अगर तेल में मिलावट होगी तो जम जाएगा. अगर तेल शुद्ध होगा तो वैसा का वैसा ही रहेगा.

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- सरसों के तेल का रंग काफी गाढ़ा होता है. अगर इसका रंग हल्‍का पीला हो तो इसमें मिलावट की संभावना हो सकती है.

- मिलावटी तेल को गरम करने पर खाना बनाने वाले व्यक्ति को चक्कर आने जैसी स्थिति या छींके आने लगती हैं.

- मिलावटी तेल से बना भोजन करने पर एसिडिटी बनने लगती है और पेट फूलने की शिकायत होने लगती है.

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