जानिए बंगाल, ओडिशा और पूर्वोत्तर में कैसे मनाई जाती है अष्‍टमी

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आज अष्‍टमी तिथि है. आज के दिन देवी दुर्गा के आंठवे स्वरूप महागौरी की पूजा की जाती है. बंगाल, ओडिशा और पूर्वोत्तर राज्यों में अष्‍टमी के दिन देवी दुर्गा की बड़े धूम-धाम के पूजा की पूजा अर्चना की जाती है. दिनभर में दुर्गा मां की 108 बार पूजा होती है. इस दिन दुर्गा मां को खिचड़ी, लाबड़ा, बेगूनी, लुची और पायेश का भोग लगाया जाता है.
आज अष्‍टमी तिथि है. आज के दिन देवी दुर्गा के आंठवे स्वरूप महागौरी की पूजा की जाती है. इन्हें प्रसाद में नारियल चढ़ाया जाता है. मान्यता है कि नारियल का भोग लगाने से घर में सुख-समृद्धि आती है.

बंगाल, ओडिशा और पूर्वोत्तर राज्यों में अष्‍टमी के दिन देवी दुर्गा की बड़े धूम-धाम के पूजा की पूजा अर्चना की जाती है. दिनभर में दुर्गा मां की 108 बार पूजा होती है. लोग अपने हिसाब से पंडालों में जाकर मिठाई आदि का भोग लगाते हैं. पर इस दिन इन राज्यों में खासतौर पर खिचड़ी, लाबड़ा, बेगूनी, लुची और पायेश का भोग लगाया जाता है. आइए हम आपको बताते हैं क्या है ये पकवान.

खिचड़ी: खिचड़ी अलग-अलग राज्यों में अलग-अलग स्वाद और तरीके से बनाई जाती है. कहीं सिंपल तो कहीं ज्यादा मसालेदार बनती है. इन्हीं में से एक है बंगाली खिचड़ी का स्वाद. दुर्गा पूजा में इसे खासतौर पर बनाया जाता है. देवी दुर्गा को खिचड़ी का भोग लगाकर इसे प्रसाद के तौर पर सभी को बांटा जाता है. इसमें कई तरह की सब्जियां भी डाली जाती हैं जैसे फूलगोभी, मटर, आलू, टमाटर आदि.

 लाबड़ा: लाबड़ा एक ऐसी मिक्स सब्जी है जिसे बंगाल में दुर्गा पूजा में खिचड़ी के साथ बनाया जाता है. इसका स्वाद बहुत ही उम्दा होता है और इसे बड़े चाव से खाया जाता है. इसमें मूली, गोभी, मटर, आलू, अरबी, बैंगन, कद्दू, गाजर और अदरक डलता है. इसे पंचफोरन के तड़के से बनाया जाता है.

बेगूनी: बेगूनी यानी बेसन में डिप कर बैंगन फ्राई. बैंगन के पतले-पतले लंबे पीस काटकर इन्हें बेसन के धोल में डिप कर सुनहरा तला जाता है.

लुची: बंगाल, ओडिशा में पूरी को 'लुची' कहते है. अंतर बस इतना होता है कि इसे मैदे से बनाया जाता है.

पायेश: पायेश यानी चावल की खीर . बंगाल में खीर में जरा सा कपूर भी डाला जाता है. इससे इसका स्वाद और भी अच्छा लगता है.