नवरात्रि व्रत के सातवें दिन ऐसी हो आपकी फलाहार थाली

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नवरात्रि के सातवें दिन देवी कालरात्रि की पूजा की जाती है. देवी कालरात्रि की पूजा करने से भूत-प्रेतों से मुक्ति मिलती है. देवी कालरात्रि की उपासना करने से सभी दुख दूर होते हैं. इस दिन देवी को गुड़ के लड्डू का प्रसाद अर्पित कर खुद भी खाएं और ब्राह्मणों को भी दान दें.
नवरात्रि के सातवें दिन देवी कालरात्रि की पूजा की जाती है. देवी कालरात्रि की पूजा करने से भूत-प्रेतों से मुक्ति मिलती है. देवी कालरात्रि की उपासना करने से सभी दुख दूर होते हैं. इस दिन देवी को गुड़ के लड्डू का प्रसाद अर्पित कर खुद भी खाएं और ब्राह्मणों को भी दान दें.
नवरात्रि के सातवें दिन के व्रत में शाम को अपनी फलाहारी थाली में अलग-अलग तरह के पकवानों से सजी थाली का आनंद ले सकते हैं. इसमें कुट्टू की पूरी, शकरकंद का खीर, समा चावल पोहा, आलू-टमाटर की ग्रेवी वाली सब्जी और साथ में फ्रूट सलाद ले सकते हैं.
क्योंकि देवी को गुड़ और गुड़ से बने पकवानों का भोग लगाया जाता है, इसलिए गुड़ से बने पकवान, जैसे- गुड़ के अनरसे, गुड़ पोहा, गुड़ लड्डू, गुड़वाला चीला और गुड़ की खीर का प्रसाद चढ़ा सकते हैं.

अगर आप गुड़ के लड्डू बनाकर देवी को प्रसाद चढ़ाना चाहते हैं तो जानें आसान रेसिपी:
सफेद तिल 60 ग्राम
गुड़ 150 ग्राम कद्दूकस किया हुआ
घी जरूरत के अनुसार

- तिल को बीनकर अच्छी तरह साफ कर लें.
- अब गैस पर एक कड़ाही में तिल को सुनहरा होने तक भूनें.
- इसके बाद गैस पर एक पैन में आधा कप पानी डालकर गर्म करें अौर इसमें गुड़ डालकर पिघला दें.
- गुड़ सही तरह पक गया है, यह देखने के लिए एक कटोरी में ठंडा पानी लें. पानी में थोड़ा-सा पकता हुआ गुड़ डालें. अगर पानी में गुड़ का बॉल बन जाए तो लड्डू बनाने के लिए परफेक्ट गुड़ पक चुका है. अब गैस बंद कर दें.

- अब गुड़ में भुने तिल डालकर मिक्स करें और फिर गुड़-तिल के मिश्रण को हल्का ठंडा कर लें.
- इसके बाद हाथ पर घी लगाकर मिश्रण का थोड़ा-थोड़ा भाग लेकर इसके गोल-गोल लड्डू बना लें.
- इस तरह पूरे मिश्रण के लड्डू बनाकर देवी कालरात्रि को प्रसाद चढ़ाएं.