इन धातुओं में खाएंगे खाना तो मिलेंगे ये अचूक फायदे
विधि
खान-पान हमारे जीवन का एक अहम हिस्सा है. आमतौर पर हम घर में स्टील के प्लेट्स में ही खाना खाते हैं पर क्या आप जानते हैं न केवल स्टील बल्कि हमे अलग-अलग धातुओं में भोजन करना चाहिए. ऐसा करने से शरीर और स्वभाव दोनों पर कई सकारात्मक प्रभाव पड़ते हैं.आइए हम आपको बताते हैं आयुर्वेद के अनुसार अलग-अलग तरह की धातुओं में भोजन करने के क्या हैं फायदे:
सोना:
सोने की थाली में खाना खाने से शरीर कठोर, बलवान, ताकतवर और मजबूत बनता है.
चांदी:
चांदी की थाली, कटोरी और चम्मच का इस्तेमाल करने से शरीर को आंतरिक ठंडक पहुंचती है. मन शांत रहता है, दिमाग तेज होता है और साथ ही कफ और वायुदोष भी नियंत्रण में रहता है.
कांसा:
खाना खाने के लिए कांसे से बेस्ट धातु दूसरी कोई है ही नहीं. इसके एक या दो नहीं बल्कि कई फायदे हैं. कांसे के बर्तन में भोजन खाने से बुद्धि तेज होती है, रक्त विकार में शुद्धता आती है और भूख भी बढ़ती है. यहां ध्यान रखने वाली बात यह है कि इन बर्तनों में खट्टी चीजें कभी नहीं खानी चाहिए क्योंकि ऐसा करने से खाना शरीर के लिए बहुत हानिकारक हो सकता है.
तांबा:
तांबे के बर्तन में पानी पीना तो बहुत ही फायदेमंद कहलाता ही है. तांबे के जग या गिलास में रखा पानी औषधि बन जाता है. इसे पीने से इंसान रोग मुक्त हो सकता है. यह स्मरण शक्ति बढ़ने के साथ-साथ लीवर संबंधी समस्या दूर कर सकता है. आप तांबे के बर्तन में भोजन भी कर सकते हैं, लेकिन इसमें दूध बिल्कुल नहीं पिएं.
पीतल:
पीतल के बर्तन में किया गया भोजन कफ और वायुदोष दूर करता है.
लोहा:
लोहा यानी आइरन उर्जा का स्रोत है. इसमें बनाए गए भोजन से शरीर की शक्ति बढ़ती है, पर लोहे के बर्तन में खाना नहीं चाहिए.
स्टील:
स्टील की थाली में खाना खाने से किसी भी तरह का कोई भी नुकसान नहीं होता है.
एल्यूमिनियम:
जितना हो सके इन बर्तनों का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए. आयुर्वेद के अनुसार इनके इस्तेमाल से हड्डियां कमजोर होती हैं और साथ ही यह लीवर और नर्वस सिस्टम को भी कमजोर बना सकता है.
मिट्टी:
मिट्टी के बने बर्तनों का यूज शरीर को 1 प्रतिशत भी नुकसान नहीं पहुंचाता है. इनमें खाना बनने में तो समय लगता है पर यह बहुत लाभकारी है.