जानिए आपकी फेवरेट डिश फालूदा का ये रोचक इतिहास

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फालूदा भारत का एक ठंडा लोकप्रिय डिजर्ट है. इसे गुलाब सिरप, सेवई, मीठी तुलसी के बीज, दूध और जेली से बनाया जाता है. फिर इसे आइसक्रीम की टॉपिंग के साथ परोसा जाता है. फालूदा बनाने के लिए इस्तेमाल की जाने वाली सेवई गेंहू, अरारोट, कॉर्न फ्लोर और साबू से बनाई जाती है.

विधि

फालूदा भारत का एक ठंडा लोकप्रिय डिजर्ट है. इसे गुलाब सिरप, सेवई, मीठी तुलसी के बीज, दूध और जेली से बनाया जाता है. फिर इसे आइसक्रीम की टॉपिंग के साथ परोसा जाता है. फालूदा बनाने के लिए इस्तेमाल की जाने वाली सेवई गेंहू, अरारोट, कॉर्न फ्लोर और साबूदाने से बनाई जाती है.

बता दें कि फालूदा की उत्पत्ति पर्शिया से हुई है जिसे वहां फालूदे के नाम से जाना जाता था. 16 वीं से 18 वीं शताब्दी में भारत में बसने वाले कई मुस्लिम व्यापारियों और राजवंशों के साथ यह भारत आई थी. फालूदा का वर्तमान रूप मुगल साम्राज्य द्वारा विकसित किया गया था. मुगलों से जीते हुए मुस्लिम शासकों ने विशेष रूप से हैदराबाद और कर्नाटक के क्षेत्रों में इसका संरक्षण किया.

फालूदा कहीं सेवई के साथ बनाया जाता है तो कहीं बिना सेवई के यानी केवल फ्रूट्स से. आइए अब हम आपको बताते हैं कहां कैसा फालूदा मिलता है:
-बांग्लादेश में इसे नारियल और आम के साथ सर्व किया जाता है.
- मलेशिया और सिंगापुर में ऐसी ही एक ड्रिंक को बॉनडंग कहते हैं.
- फालूदा के जैसा ही एक थाई ड्रिंक भी है जिसे नाम मंगलक कहते हैं.
- ईराक में इसे मोटी सेवई से बनाया जाता है.
- साउथ अफ्रीका में इसे फालूदा के नाम से ही जानते हैं. इसे वहां मिल्क शेक के तौर पर खाया जाता है और कई बार तो खाना खाने के बाद भी.