रिसर्च: यीस्ट का न करें ज्यादा इस्तेमाल, होता है नुकसानदायक

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यीस्ट, इसे बोल चाल की भाषा में खमीर कहा जाता है. खाने की चीजों को बनाते समय इसका इस्तेमाल किया जाता है जैसे ब्रेड, पिज्जा बेस, भटूरा आदि. पर क्या आप जानते हैं कि यीस्ट के इस्तेमाल से फंगल इंफेक्शन बढ़ सकता है. ये हम नहीं बल्कि एक शोध में इस बात का खुलासा हुआ है. एक नए अध्ययन के मुताबिक खाने में प्रयोग किया जाने वाला यीस्ट फंगल इंफेक्शन की वजह बन सकता है.

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यीस्ट , इसे बोल चाल की भाषा में खमीर कहा जाता है. खाने की चीजों को बनाते समय इसका इस्तेमाल किया जाता है जैसे ब्रेड, पिज्जा बेस, भटूरा आदि. मैदा गूंदते समय ही इसे साथ में डालकर घंटे भर के लिए गीले कपड़े से ढककर यूं ही छोड़ दिया जाता है ताकि फूलापन अच्छे से आ सके.

पर क्या आप जानते हैं कि यीस्ट के इस्तेमाल से फंगल इंफेक्शन बढ़ सकता है. ये हम नहीं बल्कि एक शोध में इस बात का खुलासा हुआ है. एक नए अध्ययन के मुताबिक खाने में प्रयोग किया जाने वाला यीस्ट फंगल इंफेक्शन की वजह बन सकता है. कमजोर इम्यून सिस्टम वाले लोगों पर इसका गंभीर प्रभाव हो सकता है.

आयरलैंड स्थित डबलिन कॉलेज ऑफ यूनिवर्सिटी द्वारा हाल ही में किए गए अध्ययन से पता चला है कि दवाओं की वजह से होने वाले यीस्ट इंफेक्शन के लिए कैंडीडा जीन के कवक या फंगी जिम्मेदार हैं. यह पीएलओएस पेथोजींस नामक जर्नल में प्रकाशित हुआ है.

पिचिया कुद्रीवजेवी फंगस का इस्तेमाल सदियों से कसावा, मक्के के पेय पदार्थों, फर्मेन्टेड मिल्क आदि बनाने में किया जाता रहा है. कवक को कुछ ऐसे नामों से अब तक प्रयोग किया जाता रहा है जिनके दुष्प्रभावों के बारे में लोगों को जानकारी ही नहीं थी. पी कुद्रीवजेवी एक ऐसा फंगल है जो कई बीमारियों की वजह बन सकता है. यीस्ट के सेवन से गैस, पेट का फूलना, सिरदर्द, आदि की परेशानी होने की संभावना रहती है.