जानिए सात्विक भोजन में क्यों शामिल नहीं किए जाते प्याज-लहसुन

offline
ग शास्त्र में सात्विक भोजन को सबसे शुद्ध माना गया है. बिना प्याज-लहसुन और कम मसाले वाला खाना सात्विक भोजन कहलाता है. योगा करने के बाद हल्का और लाइट भोजन करने की ही सलाह दी जाती है.

विधि

योग शास्त्र में सात्विक भोजन को सबसे शुद्ध माना गया है. बिना प्याज-लहसुन और कम मसाले वाला खाना सात्विक भोजन कहलाता है. योगा करने के बाद हल्का और लाइट भोजन करने की ही सलाह दी जाती है. योग शास्त्र के अनुसार प्याज-लहसुन गुस्सा, चिड़चिड़ाहट, चिंता आदि पैदा करता है और यह शारीरिक रूप से, भावनात्मक रूप से, मानसिक और आध्यात्मिक रूप से शरीर को बहुत नुकसान पहुंचाता है. साथ ही यह बुरी सांस और शरीर की गंध भी पैदा करता है.

सात्विक भोजन शरीर को भरपूर एनर्जी देता है. आयुर्वेद में सात्विक भोजन हेल्दी दिमाग और हेल्दी शरीर के बीच एक संतुलन बनाए रखता है.

आइए हम आपको बताते हैं कैसे बनाएं बिना प्याज और लहसुन की दाल:
- काबुली चनों को एक बॉउल में डालकर रातभर भिगोकर रख दें. सुबह इन्‍हें पानी से निकालकर अलग रख दें.
- अब सारी दालों को धोकर एक कटोरी पानी में 1 घंटे के लिए भिगोकर रख दें.
- दाल के मसालों की सारी सामग्री को पर्याप्त पानी मिलाकर मिक्‍सी में डालकर बारीक पेस्ट बना लें.
- मीडियम आंच में एक प्रेशर कूकर में भीगे हुए काबुली चने , दाल, हल्दी, लाल मिर्च पाउडर , नमक और दो कप पानी डालकर 2 सीटी आने तक पकाएं.
- अब आंच धीमी कर 2-3 मिनट तक और पकाएं और फिर आंच बंद कर दाल को कूकर में ही रहने दें.
- मीडियम आंच में एक कड़ाही में तेल डालकर गरम करें और पिसे हुए पेस्ट को डालकर अच्‍छी तरह भून लें.
- जब मसाला तेल छोड़ने लगे तो इसमें टमाटर और थोड़ा नमक डालकर पका लें.
- अब उबली हुई दाल डालकर 3-4 मिनट तक धीमी आंच पर पकने दें.
- बिना प्‍याज-लहसुन की दाल तैयार है. इसमें नींबू का रस डालकर रोटी या फिर जीरा राइस के साथ सर्व करें.