एक बार जब वे उज्जैन गए थे तो उन्होंने बाबूलाल गौर से गोपाल मंदिर के पास मिलने वाली फेमस ठंडाई पीने की इच्छा जताई थी. बाबूलाल गौर ने उनकी यह इच्छा पूरी की थी.