इन मिठाइयों से है कर्नाटक की पहचान, तीज-त्योहार में होती हैं खास

धारवाड़ा का पेड़ा
कर्नाटक में कोई मिठाई अगर चॉकलेट की टक्कर की है तो उसका नाम धारवाड़ा का पेड़ा है. धारवाड़ के पेड़े का इतिहास 175 साल पुराना है. धारवाड़ में पेड़ा बनाने का काम उत्तरप्रदेश से गए ठाकुर परिवार ने किया था. पहले सिर्फ यह एक तरह का पेड़ा था, बाद में इसकी लोकप्रियता को देखते हुए ठाकुर फैमिली से इसे धारवाड़ से जोड़कर दिया. तभी से इस पेड़े का नाम धारवाड़ से जुड़ गया. यह एक तरह से मथुरा के पेड़े जैसा ही होता है.